Madhav Tiger Reserve in MP | Source : mpinfo
भोपाल। Madhav Tiger Reserve in MP: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश वन्य जीव पर्यटन के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम उठाने वाला राज्य है। प्रदेश का चम्बल अंचल और निकटवर्ती क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान बनाएगा। इस अंचल में जहां एशिया का प्रथम चीता प्रोजेक्ट लागू कर चीतों के पुनर्वास का महत्वपूर्ण कार्य हुआ है और अब चीतों की दूसरी पीढ़ी ने भी जन्म ले लिया है। घड़ियाल प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन और अब माधव नेशनल पार्क प्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित होने से यह क्षेत्र पर्यटकों के और अधिक आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर परिसर में टी.वी. चैनल्स प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि माधव टाइगर रिजर्व के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। वर्ष 1956 में स्थापित माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व घोषित होने से प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा, जो प्रदेश के वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को बढ़ावा देगा। दो वर्ष पूर्व माधव राष्ट्रीय उद्यान में दो मादा और एक नर बाघ छोड़े गए थे। मादा बाघ ने दो शावकों को जन्म दिया है अब 2 बाघ और भी छोड़े जाएंगे, जिससे यहां 7 बाघ हो जाएंगे और प्राकृतिक ब्रीडिंग से बाघों की संख्या में वृद्धि होगी। शिवपुरी शहर के पास होने से पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से आदर्श होगा। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता और माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघ होने से पर्यटको को दो बड़े वन्य जीव देखने का अवसर प्राप्त होगा। माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघ के साथ ही तेंदुआ, भेड़िया, सियार, साही, अजगर, चिंकारा आदि वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तीन माह में प्रदेश में दूसरे टाइगर रिजर्व का प्रारंभ होना पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के नाम से रातापानी अभयारण्य 8वां टाइगर रिजर्व था। वर्ष 2025 शुरूआत से वन्य जीवन पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण और अनुकूल सिद्ध हो रहा है। प्रदेश में वन्य जीवों के साथ मनुष्यों के सह-जीवन का अद्भुत उदाहरण देखने को मिलता है। वर्तमान में जितने भी टाइगर रिजर्व हैं, वहां पर्यटन विभाग के होटलों सहित वाहनों की शत-प्रतिशत बुकिंग की स्थिति रहती है। प्रदेश में पर्यटक संख्या निरंतर बढ़ती रहेगी।