MP Board Quarterly Result 2022: 31 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे 9वीं से 12वीं कक्षा के त्रैमासिक परिणाम! कम अंक वालों के लिए होगी रिमीडियल क्लासेस की व्यवस्था

MP Board Quarterly Result 2022 Quarterly results of class 9th to 12th will be released on October 31 माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के द्वारा 9 वीं से लेकर 12 वीं तक की त्रैमासिक परीक्षा के कॉपियों को चेक करने का सिलसिला पूरा हो गया हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस साल त्रैमासिक परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया हैं। जिसके अनुसार इस बार का पेपर 9 वीं से लेकर 12 तक मंडल के द्वारा बनाया गया हैं।

MP Board Quarterly Result 2022: 31 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे 9वीं से 12वीं कक्षा के त्रैमासिक परिणाम! कम अंक वालों के लिए होगी रिमीडियल क्लासेस की व्यवस्था

9th to 12 Quaterly Result 2022 MP Board

Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: October 28, 2022 11:25 am IST

MP Board Quarterly Result 2022 भोपाल: माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के द्वारा 9 वीं से लेकर 12 वीं तक की त्रैमासिक परीक्षा के कॉपियों को चेक करने का सिलसिला पूरा हो गया हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस साल त्रैमासिक परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया हैं। जिसके अनुसार इस बार का पेपर 9 वीं से लेकर 12 तक मंडल के द्वारा बनाया गया हैं। मध्यप्रदेश का राज ओपन बोर्ड को विद्यार्थियों के त्रैमासिक और अर्धवार्षिक परीक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसको उन्होने बखूबी निभाया है। मध्यप्रदेश के पूरे 52 जिलों में एक साथ एक जगह से प्रिंट पेपर के माध्यम से परीक्षा आयोजित करवाई गई थी। कॉपियों को जांच करने का सिलसिला अब पूरा हो गया हैं। जिसके कारण कहा जा रहा हैं। 31 अक्टूबर तक माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।

Read More: सात महीने से बेहोश पड़ी महिला ने दिया बच्ची को जन्म, एम्स अस्पताल में हुआ चमत्कार 

40 फीसदी से कम नंबर वाले छात्रों के लिए एक्सट्रा क्लासेस की सुविधा

 ⁠

MP Board Quarterly Result 2022  माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारियों से बात करते पता है कि जो बच्चे 40 फीसदी के अधिक अंक स्कोर नहीं कर पाएं हैं। उनके लिए रिमीडियल क्लासेस मतलब एक्सट्रा क्लासेस लगाने की व्यवस्था की गई हैं। जिसका लाभ उठा कर विद्यार्थी अपने कमजोर विषय की क्लासेस लेकर अपना अंक बढ़ा सकते हैं। रिमीडयल क्लासेस स्कूल के टाइम से अलग लगाई जाती हैं। जिसमें कमजोर विद्यार्थियों को निजी तौर पर उनेक पठन पाठन शैली में परिवर्न कर बदलाव किया जाता हैं। मध्यप्रदेश के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जिसमें 9 से लेकर 12 वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के जैसे पेपर कंडक्ट कराऐ गए हैं।

Read More: सात महीने से बेहोश पड़ी महिला ने दिया बच्ची को जन्म, एम्स अस्पताल में हुआ चमत्कार 

 

 


लेखक के बारे में