IBC24 Janjatiya Pragya: सिंहस्थ कुंभ होगा भव्य और दिव्य! मंत्री लोधी ने बताई पूरी तैयारी और ट्रैफिक प्लान, इन क्षेत्रों में MP बनेगा नंबर-1
जनजातीय प्रज्ञा कार्यक्रम में मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि सरकार जनजातीय क्षेत्रों के विकास पर तेजी से काम कर रही है। होम स्टे योजना, जिला इतिहास लेखन, पर्यटन विकास और सिंहस्थ कुंभ की भव्य तैयारियों के ज़रिए रोजगार, संस्कृति और पर्यटन को नई दिशा दी जा रही है।
IBC24 Janjatiya Pragya/Image Source: IBC24
- सरकार अब तक 400 होम स्टे तैयार कर चुकी है, जिनसे आदिवासी समाज में रोजगार के नए अवसर बढ़ रहे हैं।
- संस्कृति विभाग ने गोंड राजाओं से लेकर स्थानीय जननायकों तक सभी के इतिहास को संरक्षित कर पुस्तकें प्रकाशित करवाई हैं।
- सड़कों का चौड़ीकरण, नए पुलों का निर्माण, पर्यटन विकास और व्यवस्थाओं को विश्वस्तरीय बनाने पर विशेष फोकस।
भोपालः मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर IBC24 द्वारा भोपाल में जनजातीय प्रज्ञा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण मंच पर राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं, अब तक की उपलब्धियों, और आगे की कार्ययोजना पर विस्तृत संवाद किया गया। इस कार्यक्रम में धर्म से राजधर्म तक सेगमेंट अंतर्गत संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी शामिल हुए। उन्होंने IBC24 के साथ कई मुद्दों पर बात की।
IBC24 Janjatiya Pragya मध्यप्रदेश में पर्यटन को लेकर उन्होंने कहा कि अधिकतर होम स्टे जनजातीय क्षेत्रों में बनाने का हमने संकल्प लिया है। अभी हमने तय किया है कि 1000 होम स्टे हम बनाएंगे। अभी 400 होम स्टे बनकर तैयार हुए हैं। होम स्टे के माध्यम से जनजातीय समाज के बंधुओं के बीच रोजगार के अवसर बनाने का काम हम कर रहे हैं। होम स्टे जैसे गांव के मकान बने होते हैं, उसी तर्ज पर होम स्टे हम बना रहे हैं। अगर शहर का कोई व्यक्ति गांव की संस्कृति को जानना चाहता है तो वह होम स्टे में शहर का व्यक्ति आकर रुकता है। चूल्हे की रोटी खाता है। बैलगाड़ी की यात्रा करता है। खेतों में जाता है। खपरेल वाले मकान में रहता है। होम स्टे एक ऐसी संकल्पना है कि जैसे मान लो ₹5 लाख होम स्टे बनाने में खर्च होता है। हम तो उसमें ₹ 2 लाख हमारी सरकार देती है और जनजातीय क्षेत्रों में ₹3 लाख देती है। ये नवाचार हमने किया है। इसमें बहुत सारे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं। जनजातीय समाज की उन्नति के लिए प्रगति के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने जब कहा कि हम रानी दुर्गावती के नाम पर कैबिनेट करना चाहते हैं तो मैंने और प्रहलाद पटेल जी ने भी कहा कि सिंघोरगढ़ से अच्छा स्थान नहीं हो सकता। सिंगौरगढ़ जैसे स्थान पर रानी दुर्गावती जी को समर्पित कैबिनेट यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने की। इस बात से पता चलता है कि जनजातीय गौरव चाहे रानी दुर्गावती जी हो चाहे शंकर शाह या रघुनाथ साह हो, चाहे भगवान बिरसा मुंडा हो तमाम प्रकार तमाम जो जनजाति गौरव है उन सबको सहेजने का काम, उन सबको सम्मान देने का काम हमारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है।
IBC24 Janjatiya Pragya मंत्री लोधी ने एक कविता सुनाते हुए कहा कि तुमने दिया देश को जीवन, देश तुम्हें क्या देगा.. अपनी आग तेज रखने को नाम तुम्हारा लेगा.. हम जब इन शहीदों को याद करते हैं तो कहीं ना कहीं हमारे अंदर देशभक्ति की ज्वाला धकती है। मुझे लगता है कि आदिवासी समाज के उत्थान के लिए जनजाति समाज के उत्थान के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है और संस्कृति विभाग इस पर विशेष फोकस करके बहुत सारे नवाचार भी कर रहा है। बहुत सारे काम भी कर रहा है। मैं आपको बता दूं जब इन्वेस्टमेंट आता है हम तो सबसे ज्यादा रोजगार जनरेट करने वाला कोई विभाग है, तो वह हमारा पर्यटन विभाग है।
जिला स्तर पर भी आदिवासियों की मौलिकता के लिए कोई प्लान हैं क्या?
IBC24 Janjatiya Pragya मंत्री लोधी ने बताया कि हर जिले का हमने इतिहास लिखवाने का काम भी किया है, जो हर जिले का अलग-अलग पुस्तकें हमने स्वराज्य संस्थान के माध्यम से प्रकाशित की हैं। वहां केवल गोंड राजा ही नहीं, बल्कि और भी जो जननायक रहे हैं, उन सबके इतिहास को हमने संरक्षित करने का काम स्वराज्य संस्थान के माध्यम से किया है। यह एक बड़ा नवाचार हमने अपने संस्कृति विभाग के माध्यम से किया है। संस्कृति विभाग ने यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में हमने राम वनगमन पथ पर काम शुरू किया। जहां भगवान राम के चरण जहां-जहां पड़े, उन सारे स्थानों को चिन्हित करके उनको पुष्पित और पल्लवित करने का काम हमने किया है। उनको रोड कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम संस्कृति विभाग के माध्यम से हुआ है। चित्रकूट, मैहर जैसे 13 स्थानों पर हमने काम शुरू किया, क्योंकि भगवान राम चित्रकूट में सबसे ज्यादा रहे। फिर कृष्ण पाथेय पर भी हमने काम शुरू किया। भगवान कृष्ण ने जो लीलाएं की उन सारे स्थानों को भी हमने चिन्हित किया। अभी संदीपनी आश्रम से मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमने काम शुरू किया है। जहां भगवान कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की। गीता जयंती के अवसर पर पूरा मध्य प्रदेश मोहन यादव जी के नेतृत्व में गीतामय हुआ है। पूरे मध्य प्रदेश के स्कूलों में 15वें अध्याय का सस्वर उच्चारण किया गया। स्कूलों-कॉलेजों के साथ-साथ जेल में भी कैदियों को इस बार उसी से जुड़ा।
‘कुरान, बाइबल को क्यों छोड़ देती है भाजपा’, मंत्री ने किया पलटवार
IBC24 Janjatiya Pragya मंत्री लोधी ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा है नहीं। कांग्रेस को लगातार जनता नकार रही है। कांग्रेस जब आरोप लगाती है तो अपने ऊपर नहीं देखती कि हमने क्या किया। इन्होंने तो कभी कुछ किया नहीं। भगवान राम के मंदिर का इनको आमंत्रण आया। राहुल गांधी ने वह आमंत्रण ठुकरा दिया। तुलसीदास जी भी लिखते हैं कि जाके प्रीना राम वैदेही, तजिए ताहि कोट वैरी सम जदप परम स्नेही। इसलिए जनता ने तुलसीदास जी की बात मानी और कांग्रेस का परित्याग कर दिया। जब आप अपनी संस्कृति पर गर्व नहीं करोगे, अपने पूर्वजों पर गर्व नहीं करोगे तो आपको कोई पूछने वाला नहीं है। पहले की राजनीति चली गई। पहले कांग्रेस के लोग मंदिर नहीं जाते हैं, लेकिन अब मंदिर जाने लगे हैं, लेकिन मैं कहता हूं कि वो मंदिर मन से नहीं जा रहे। वह बगुला भगत हैं। कांग्रेस के लोग कभी-कभी बगुला भक्ति करने का प्रयास करते हैं, लेकिन वह प्रयास सफल नहीं होता। कांग्रेस के ऊपर यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती हैं कि तमाम उम्र गालिब यही भूल करता रहा। धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा। ये कांग्रेस का चरित्र है। कांग्रेस ने उस समय हलफनामा दिया था कि राम पैदा ही नहीं हुए। राम सेतु को जब तोड़ने का यह षड्यंत्र कर रहे थे तो इन्होंने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि राम काल्पनिक हैं। राम पैदा ही नहीं हुए तो ऐसे लोगों को जनता ने भी आने वाले समय में सबक सिखाने का काम किया है और इनका बोरिया बिस्तर आने वाले समय में थोड़ा बहुत बचा है, वो भी बंध जाएगा।
जनजातीय कल्चर को नक्शे में चिह्नित करने के लिए हो रहा काम- मंत्री
IBC24 Janjatiya Pragya मंत्री लोधी ने बताया कि मध्यप्रदेश के कई आदिवासी स्थानों कोह म चिन्हित कर रहे हैं। जैसे अभी कांग्रेस षड्यंत्र कर रही है। कह रही है कि तुम हिंदू ही नहीं हो। अगर आदिवासियों के पूर्वज माता की पूजा कर रहे हैं तो क्या हिंदू नहीं है क्या? शंकर शाह, रघुनाथ शाह को जिस कारण से तोपों के गोलों से बांधकर उड़ाया गया तो उन्होंने कविता के माध्यम से माता से प्रार्थना की अंग्रेजों को मार भगाओ। सिंघोरगढ़ में रानी दुर्गावती जहां पूजा करने जाती थी वहां शंकर जी का मंदिर है। वहां हनुमान जी का मंदिर है। मतलब जो हिंदू समाज से सदा जुड़े रहे। कांग्रेस षड्यंत्र पूर्वक इनको वोट बैंक की राजनीति के तहत हिंदू समाज से अलग करने का काम कर रही। लेकिन जो आदिवासी समाज की संस्कृति है, उनके पूर्वज हिंदू देवी देवताओं को मानने वाले लोग हैं। बड़ा देव भगवान शंकर के ही स्वरूप माने गए हैं। कहने का मतलब है कि हम अपनी जनजाति समाज को जागृत करने का भी काम कर रहे हैं। उनको मूल जड़ों से जोड़ने का भी काम कर रहे हैं और कहीं ना कहीं कांग्रेस षड्यंत्र पूर्वक वोट बैंक की राजनीति के तहत फूट डालो और शासन करो की नीति के तहत जनजाति समाज के लोगों को बरगलाने का काम कर रही है। बहकाने का काम कर रही है कि तुम हिंदू नहीं हो। तो इस सारी बातों को और बहुत सारे स्थानों को हमने चिन्हित भी किया हुआ है। चौराई में बड़ा देव का मंदिर में अभी राज्यपाल जी आए थे। 1 करोड़ 16 लाख की राशि से वहां जनजाति समाज का दिव्य और भव्य मंदिर हमने बनवाया है। उसको पर्यटन के क्षेत्र में हम विकसित करने का काम कर रहे हैं।
सिंहस्थ कुंभ को लेकर सरकार की कैसी है तैयारियां
मंत्री ने उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुंभ को लेकर कहा कि सिंहस्थ बहुत दिव्य और भव्य होने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी के नेतृत्व में ना भूतो ना भविष्यतिके तर्ज पर इसका आयोजन किया जाएगा। उसकी तैयारियां हमने अभी से शुरू की है। सारी सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा हैं। नए-नए पुल बनाए जा रहे हैं। सारी व्यवस्थाएं हम लागू कर रहे हैं तो आने वाला जो सिंहस्थ है। यह आयोजन सहस्त्र इतिहास के पन्नों में दर्ज हो, इसके लिए सरकार निरंतर काम कर रही है। कुंभ के समय उज्जैन और मध्य प्रदेश का नाम पूरे विश्व पटल पर रेखांकित होगा।
कुंभ में ट्रैफिक से निपटने के क्या है सरकार की प्लानिंग?
मंत्री लोधी ने बताया कि सरकार की ओर से जो बजट दिया गया है, उसमें सिंहस्थ में पहुंचने के सारे रास्ते फोर लाइन किए जा रहे हैं। सिंहस्थ तक ये सारे रास्ते बन के तैयार हो जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत परेशानी ना हो। सिंहस्थ बहुत बड़ा होता है तो थोड़ी बहुत अव्यवस्था तो फैल ही जाती है, लेकिन प्रयास यह रहेगा कि किसी प्रकार की आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो। तमाम प्रकार के घाट बनाए जा रहे हैं।
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