Face To Face MP/ Image Credit: IBC2
भोपाल। Face To Face MP: कांग्रेस नेता राहुल गांधी संतों के सीधे निशाने पर आ गए हैं। मनुस्मृति पर विवादित टिप्पणी का मुद्दा कुंभ में हुए परमधर्म संसद में उठा,जिसके बाद संतों ने एक स्वर में राहुल को एक माह के अंदर माफी मांगने का अल्टीमेटम दे दिया। सवाल है क्या संतों की ये नाराजगी राहुल को भारी पड़ेगी? क्या राहुल गांधी माफी मांगेंगे। यदि नहीं तो आगे अब क्या होगा।
राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं। संत समाज ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राहुल को सनातन धर्म से निष्कासित करने का अल्टिमेटम दे दिया है। महाकुंभ में हुई परम धर्मसंसद में संतों ने एक सुर में राहुल गांधी के उस बयान की निंदा की जो हाथरस की घटना के वक्त राहुल ने दिया था। दरअसल, राहुल गांधी ने हाथरस गैंगरेप की घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि, “ये संविधान में कहां लिखा है कि जो बलात्कार करते हैं वो बाहर घूमें और जिसका रेप हुआ वो घर में रहे. राहुल गांधी ने कहा कि, ये आपकी किताब मनुस्मृति में लिखा होगा लेकिन संविधान में नहीं लिखा”
राहुल गांधी के इसी बयान के खिलाफ धर्मासद विकास पाटनी ने निंदा प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को पढ़ते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राहुल को महीनेभर का अल्टिमेटम देते हुए कहा कि वो अपना पक्ष रखें या फिर उन्हें हिंदू धर्म से निष्कासित कर दिया जाएगा। संतों के इस फैसले के बाद बीजेपी के निशाने पर फिर कांग्रेस आ गयी है। सीएम मोहन यादव ने सनातन के नाम पर कांग्रेस को जमकर घेरा।
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Face To Face MP: जाहिर है परमधर्म संसद में पास हुए निंदा प्रस्ताव के बाद सियासत भी गरमा चुकी है। प्रयागराज से निकले इस निर्णय की गूंज पूरे देश मे है। बीजेपी की तरफ से राहुल गांधी के जरिए पूरी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। कांग्रेस फिलहाल चुप है। किसी के पास कोई जवाब नहीं। बीजेपी कह रही है कि, राहुल नकली हिंदू हैं। राहुल गांधी को माफी मांगना चाहिए। उधर मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बचाव में आए हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार कह रहे हैं कि राहुल गांधी सभी धर्मों का आदर करते हैं उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। फिलहाल कांग्रेस खेमे में धर्मसंसद के निर्णय के बाद सन्नाटा है। दिल्ली से लेकर भोपाल तक अजब सी खामोशी है। कांग्रेस लीडरशिप की तरफ देख रही है, कि परमधर्म संसद के फैसले पर राहुल गांधी का क्या स्टैंड होता है। खैर,बीजेपी को फिर बड़ा मौका हाथ लगा है। अपनी सियासी पिच पर बेधड़क बल्लेबाजी करने का।
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