OBC आरक्षण के बगैर पंचायत चुनाव: 'सुप्रीम' फैसले के बाद बयानों की बाढ़, फ्रंटफुट में खेल रही कांग्रेस तो BJP हुई डिफेंसिव |

OBC आरक्षण के बगैर पंचायत चुनाव: ‘सुप्रीम’ फैसले के बाद बयानों की बाढ़, फ्रंटफुट में खेल रही कांग्रेस तो BJP हुई डिफेंसिव

सीएम शिवराज ने साफ कर दिया है कि मध्य प्रदेश सरकार इस मामले पर रिव्यू पिटिशन लगाएगी। जाहिर है कि बीजेपी इस फैसले के बाद डिफेंसिव नजर आ रही है तो वहीं कांग्रेस मुद्दे को लेकर फ्रंटफुट में खेल रही है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : May 10, 2022/1:25 pm IST

Panchayat elections without OBC reservation: भोपाल/जबलपुर/इंदौर। OBC आरक्षण मामले में आज देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। मध्यप्रदेश के 23 हजार पंचायतों के लोग कई साल से इस चुनाव का इंतज़ार कर रहे थे। हर किसी की नजर आज होने वाले सुप्रीम फैसले पर टिकी हुईं थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा है कि पंचायत सुनाव बगैर ओबीसी आरक्षण के ही होंगे। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पांच साल में चुनाव कराना सरकार की जिम्मेदारी है, कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते में निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी करे। सुप्रीम कोर्ट ने एमपी सरकार को फटकार भी लगाई है।

वहीं SC के फैसले पर सीएम शिवराज ने कहा है कि SC का फैसला क्या आया है, अभी हम उसका अध्ययन कर रहे हैं, इसको लेकर रिव्यू पिटिशन लगाई जाएगी। पंचायत, निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।सीएम शिवराज ने साफ कर दिया है कि मध्य प्रदेश सरकार इस मामले पर रिव्यू पिटिशन लगाएगी। जाहिर है कि बीजेपी इस फैसले के बाद डिफेंसिव नजर आ रही है तो वहीं कांग्रेस मुद्दे को लेकर फ्रंटफुट में खेल रही है।

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SC का फैसला लागू करना ही होगा ?

Panchayat elections without OBC reservation: इधर IBC24 से खास बातचीत में अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कहा है कि सरकारी गलतियां और लापरवाही OBC वर्ग पर भारी पड़ गई हैं। SC लगातार प्रावधानों का पालन करने के निर्देश दे रही थी, SC के निर्देशों का पालन ना करना सरकार की बड़ी चूक है। पहले सरकार को आंकड़े जुटाना था, आरक्षण प्रतिशत तो बाद की बात थी। उन्होंने कहा कि हम भी आगे के विकल्प ढूंढेगे। मैं चाहता हूँ कि OBC वर्ग के साथ न्याय हो। वहीं रिव्यू पिटीशन दायर करने के सीएम शिवराज के बयान पर बोलते हुए विवेक तन्खा ने कहा कि रिव्यू पिटीशन के लिए फैसले में कानूनी त्रुटि होना ज़रूरी है। सरकार और सलाहकार बता दें आज SC के फैसले की कानूनी त्रुटि क्या है? सरकार ने SC के निर्देशों का पालन नहीं किया तो फैसले को चुनौती कैसे देंगे? उन्होंने कहा कि आर्टिकल 141 के तहत SC का फैसला लागू ही करना होगा। अगर ऐसे में अब चुनाव आयोग ने चुनाव नहीं करवाए तो चुनाव आयोग पर अवमानना की कार्यवाई होगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी OBC पर राजनीति के बजाय कानून भी समझती तो बेहतर होता, सरकार को ना समझ थी और ना कोई कानून समझाने वाला था।

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने यह भी कहा कि कांग्रेस जनता से किया गया वादा निभाए, उन्होंने PCC चीफ कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह से मांग की है कि चुनावों में टिकट देने में 27% OBC आरक्षण लागू करें और 27% टिकट ओबोसी कैडिटेट्स को दें।

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फैसले के बाद कांग्रेस हुई हमलावर

ग्वालियर से नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का बयान भी आया है, उन्होंने कहा कि सरकार की नियत साफ नहीं है, सरकार ने जानबूझकर आरक्षण के आंकड़े पेश नहीं किए, उन्होंने कहा कि चुनाव कराने से सरकार घबरा रही है, कांग्रेस ने 27% आरक्षण दिया था, कांग्रेस चुनाव कराना चाहती थी लेकिन CM ने षणयंत्र किया, पिछड़ा वर्ग के हकों पर कुठाराघात किया गया है, OBC माफ नहीं करेगी।

वहीं कांग्रेस के संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का बयान आया है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने कहा कि सरकार ने OBC का पक्ष मजबूती से नहीं रखा, इस परिस्थिति के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार में OBC वर्ग को 27% आरक्षण दिया था।

इंदौर से कांग्रेस के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का बयान आया है, उन्होंने भाजपा सरकार की गलती की वजह से आया फैसला बताया है, सही समय पर सही डेटा शेयर करती तो आज ये नौबत नहीं आती। इसके लिए आरएसएस, भाजपा के नेता जिम्मेदार हैं, भाजपा कितनी बार रिव्यु पिटीशन दायर करेगी, आज तक भाजपा ने ओबीसी के हित में काम नहीं किया।

सरकार ने सही तरीके से नहीं रखे तथ्य ?

SC के फैसले के बाद सरकार पर कांग्रेस हमलावर हो गई है, पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का बयान आया है, आरक्षण बगैर होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार है, सरकार ने तथ्य सही तरीके से नहीं रखे थे, बिना सुनवाई की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की, प्रदेश को भ्रम में रखा गया, ओबीसी वर्ग के साथ बड़ा धोखा किया गया, Obc वर्ग के इन हालातों के लिए सरकार पूरी तरीके से जिम्मेदार है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का बयान भी इस मामले में आया है, उन्होंने BJP सरकार को ओबीसी आरक्षण विरोधी बताया है, OBC आरक्षण को लेकर कोर्ट के फैसले पर उन्होंने कहा कि सरकार ने कोर्ट में गलत आंकड़े पेश किए है, MP में OBC 56% आबादी 48% क्यों दर्शाया गया है, ये सभी आंकड़े कहां से जुटाए गए है।

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सत्ता पक्ष ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

कैबिनेट मंत्री मोहन यादव ने OBC आरक्षण पर SC के फैसले पर कहा कि CM शिवराज ने स्पष्ट कर दिया है कि हम रिव्यु पिटीशन दायर करेंगे, कांग्रेस ने ही इस मामले को उलझाया है, कांग्रेस समय रहते आयोग बनाती तो ये मामला नहीं उलझता। हम फैसले का पूरा अध्ययन करके रिव्यु पिटीशन दायर करेंगे, हम OBC वर्ग के लिए गम्भीर हैं।

प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह का भी बयान आया है, पंचायत चुनाव पर SC के फैसले पर उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तैयारी के साथ रिव्यू पिटिशन दाखिल करेगी, सरकार की कोशिश है बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव ना हों, सुप्रीम कोर्ट ने हमें 24 घंटे में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था। पूरी तैयारी के साथ रिव्यू पिटीशन दाखिल की जाएगी। वहीं कांग्रेस के आरोप पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कारण ही OBC वर्ग का आरक्षण और पंचायत चुनाव टला है।

इंदौर में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा है कि भाजपा ओबीसी, एससी, एसटी के साथ है। CM शिवराज सिंह चौहान खुद OBC से आते हैं, कांग्रेस ने फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। चुनाव होने चाहिए, ओबीसी आरक्षण के साथ होने चाहिए, सरकार इस दिशा में काम करेगी।

 

 
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