PM Modi in Bhopal: PM Modi Gives All Answers of Opposition Questions

PM Modi in Bhopal: तीन तलाक से लेकर यूसीसी तक, पीएम मोदी ने कर दी विपक्ष की बोलती बंद, दिया एक एक आरोपों का जवाब

तीन तलाक से लेकर यूसीसी तक, पीएम मोदी ने कर दी विपक्ष की बोलती बंद, दिया एक एक आरोपों का जवाब! PM Modi in Bhopal

Edited By :   Modified Date:  June 27, 2023 / 03:39 PM IST, Published Date : June 27, 2023/3:39 pm IST

भोपालः  PM Modi in Bhopal आज पीएम मोदी राजधानी भोपाल पहुंचे यहां लाल परेड ग्राउंड के मोतीलाल स्टेडियम में कार्यकर्ता सम्मेलन में शिरकत की। बूथ विस्तारक प्रशिक्षण प्रोग्राम में शामिल हुए पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में देशभर से तीन हजार कार्यकर्ता शामिल हुए है। इसके अलावा वर्चु्ल माध्यम से देश के 10 लाख बूथों से कार्यकर्ता सीधे जुड़ें। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव के लिए जीत का मूलमंत्र दिया। साथ ही पीएम ने मेरी बूथ सबसे मजबूत अभियान की शुरूआत की। इस दौरान देशभर से आए कार्यकर्ताओं को सवाल पूछने का भी मौका दिया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से आईं बूथ कार्यकर्ता रानी चौरसिया ने पीएम से यूनिफॉर्म सिविल कोड और वोट बैंक की राजनीति को लेकर सवाल किया।

PM Modi in Bhopal पीएम मोदी ने कहा कि  आप लोग अपने बूथ में बहुत व्यस्थ्य रहते है। 9 साल के कार्यकाल को जनता के बीच ले जाने वाले कार्यकर्ताओं के प्रयासों के बारे में मुझे लगातार जानकारी मिलती रहती है। वहां से आकर आप लोगों से मिलना ज्यादा सुखद और आनंददायक है। भाजपा की सबसे बड़ी ताकत आप सभी कार्यकर्ता हैं। इस कार्यक्रम की रचना के लिए सबका धन्यवाद करता हूं। इस कार्यक्रम के माध्यम से देशभर के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहा हूं। इस प्रकार का ग्राउंड लेवल का कार्यक्रम आज से पहले इतिहास में कभी नहीं हुआ है। ये ऐतिहासिक कार्यक्रम है। सिर्फ बूथ को संबोधित करने का कार्यक्रम इतिहास में पहली बार हो रहा है। आप बीजेपी के ही नहीं देश के मजबूत सिपाही है। दल से बड़ा देश है। ऐसा कर्मठ कार्यकर्ताओं से बात करने का ये भी मंगल अवसर है। मैं भी काफी उत्सुक हूं। आज जेपी नड्डा जी ने मुझसे कहा कि आज भाषण नहीं सवालों का जबाव देना है। इस कार्यक्रम के लिए मैं भी काफी उत्सुक हूं।

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राजनीतिक के अतरिक्त सामाजिक जुड़ाव को कैसे देखते है। बूथ अपने आप में सबसे मजबूत ईकाई है। हमें इसे कभी छोट नहीं समझना चाहिए। यहां से हमको अपनी पहचान बनाना चाहिए। जमीन का फीडबैक बहुत जरूरी होता है। बूथ के कार्यकर्ता इसमे सबसे महत्वपूण रोल निभाता है। कोई भी मजबूत नीति इसलिए बनती है। इसके लिए बूथ के कार्यकर्ता द्वारा दी गई जानकारी बहुत महत्वपूर्ण होती है। हम वो नहीं है जो एसी रूम में बैठकर सरकार नहीं चलाते है और न ही फतवा जारी करते है। हम अपने आप को जमीन में जाकर खपाते है। ये आपकी निरंतर कोशिश होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होती तो आज उज्ज्वला योजना सफल नहीं होती। भाजपा की बूथ कमेटी की पहचान सेवादार के रूप में होना चाहिए। इसके लिए छोटे छोटे समझे जाने वाले काम जो काफी उपयोगी होते है वो बहुत महत्वपूर्ण होते है।

आप बूथ के अंद एक ब्लैक बोर्ड लगा सकते है। इसपर आप बीजेपी की अच्छी खबर लगा सकते है, जिसे लोग पढ़ सकते है। इससे लोगों को जानकारी तो मिलती ही है साथ ही इससे फायदा भी होती है। बूथ के अंदर संघर्ष की जरूरत नहीं होती है सेवा की जरूरत होती है। एक मैगजीन जारी कीजिए फिर एक घर में दीजिए फिर उसे शाम को लेकर दूसरे घर में दें फिर फिर उसे मौहल्ले में दे तो इससे लोग जागरुक होंगे।

इस दौरान पीम मोदी ने वाट्सएप ग्रुप बनाने की बात कही, जिसमें सब एक साथ यूरिया खरीदने की जानकारी दें और एकसाथ यूरिया ला सकते हैं। इससे कई लोगों का काफी खर्चा बचेगा। लोगों को जरिया नहीं पता है। जो ऐसा छोटा छोटा काम करने लगेगा तो लोग सेवाभाव देखकर अपने आप लोग अपसे जुड़ने लगेंगे। छोटे छोटे प्रयास बहुत बड़ी ताकत बन जाती है। हमें छोटी जगह कसबों में जाकर ऐसे प्रयास करने चाहिए इससे लोग जुड़ेंगे और बूथ में कोई भी ऐसा नहीं रहेगा जो आपसे नहीं जुड़ेगा। बूथ के लिए लगातार काम करना चाहिए। इस चीजों का प्रयोग करें लोगों का देखने का दृष्टिकोण बदल जाएगा।

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भारत तभी विकसीत होगा जब गांव बिकसीत होगा। 2057 से पहले हमें हर नगर गांव को समस्याओं से मुक्त करना है, उसे विकसित करना है। कैसे हरा भरा हो, स्वछ्ता को लेकर अलग-अलग कार्य कर सकते हैं। सोलर को कैसे लगाएं, सौर उर्जा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए बैंक से कैसे मदद मिलती है इसके बार में बताएं। केंद्र सरकार के प्रयासों से ड्राप आउट रेट तेजी से कम होता जा रहा है। कोई भी बूथ का कार्यकर्ता इस बात पर भी जोर लगाएं और बूथ में एक भी ड्राप आउट का केस न हो। अगर कोई बच्चा स्कूल छोड़ रहा हो तो उसकी मदद करें और स्कूल भेजें, इससे आप धीरे-धीरे बहुत बड़ा बदलाव ला सकते है। जन्मदिन, पुण्यतिथी या कोई भी कार्यक्रम आंगनबाड़ी में मनाओ, जिससे देश में कुपोषण से लड़ा जा सकता है।

नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनी है, जिसके तहत पढ़ाना कम सिखाना ज्यादा पर जोर दिया गया है। इसमें बच्चों को पेड़ की पहचान कराएंगे। कुम्हार के घर ले जाएंगे उसका काम दिखाएंगे। स्कूल के साथ अगर बूथ का कार्यकर्ता जुड़ जाता है तो उससे काफी फायदा मिलता है। इससे हम एक सामाजिक कार्यकर्ता बन जाते हंै। आप उनके जीवन से जुडीए उनकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुडीए वो आपके साथ जुड़ जाएगा, फिर आपका बूथ सबसे मजबूत बनने से कोई नहीं रोक सकता।

हमरा लक्ष्य किसी एक योजना का लाभ देना नहीं है बल्कि सेचुरेशन का मतलब सत प्रतिशत पहुंचाने का है। जैसे कई गांव के लोगों को पीएम आवास योजना के तहत लोगों को लाभ मिला है। फिर देखना ये होगा कि इसमें से लोगों को मुद्रा योजना का लाभ मिल पाएगा कि नहीं। इसके अलावा उसे सरकार की और किस योजना का लाभ मिल सकता है उसे उन योजनाओं के बारे में बताएं। उससे जाकर पूछें कि क्या उसे आयुष्मान कार्ड का लाभ मिल रहा है कि नहीं? इससे उसका विश्वास बढ़ेगा। पहले महंगे इलाज से डरकर वह बीमारी छिपाता था लेकिन इसके बाद वह कोई बीमारी नहीं छिपएगा और इस योजना का लाभ उठा सकता है। इसके लिए मोबाइल का ग्रुप बना सकते हैं। नमो एप से सीएम के ग्रुप से स्थानीय नेताओं के सोशल मीडिया से जुड़े हैं या नहीं। इससे वह अपनी आम भाषा में लोगों को योजनाओं के बारे में पता चलेगा। जब आप अपनी भाषा में लोगों को समझाते है तो लोगों तक तेजी से और आसानी से जानकारी मिलती है। आज उज्जवला योजना की वजह से लोगों को गैस मिलना कितना आसान हो गया है। नल जल योजना से 9 करोड़ नए घरों में नल से जल पहुंचने लगा है। पहले पानी की समस्याओं के चलते लड़कियों की शादी नहीं की जाती थी अब पानी पहुंचने से वहां के कुंवारे लोग भी शादी होने लगी है। तुलनातमक उदाहरण से लोगों को बात आसानी से समझ आती है।

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कुछ लोग सिर्फ अपने दल के लिए जीते है सिर्फ दल का भला करने चाहते है। क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार का हिस्सा मिलता है। उनको जो रास्ता मिलता है वह वोट बैंक और तुष्टिकरण का ये रास्ता कुछ दिनों तक फायदा देता लेकिन देश के विकास को रोक देता है। जो लोग तुष्टिकरण करके छोटे-छोटे दल खड़े कर देते है। लेकिन हम भाजपा के कार्यकर्ताओं की प्राथमिकता दल से पहले देश की है। जब हम सबका भला होगा तो देश आगे बढ़ेगा। हमें वोट बैक और तुष्टिकरण के रास्ते पर नहीं चलना है। देश का भला करने के लिए तुष्टिकरण रास्ता नहीं है बल्कि संतुष्टिकरण है। आज देश में जहां भी भाजपा सरकार है हम वहा संतुष्तिकरण कर रहे है जिसके लिए मेहनत करना पड़ता है। जिसका फायदा देश की हर एक जनता को दिया जाएगा। कोई भेदभाव नहीं होगा तो समाज में संतुष्टिकरण बढ़ेगी लोगो में विश्वास बढ़ेगा। तुष्टिकरण वाली इस गंदी सोच ने कई राज्यों में लोगों के बीच पंगू सोच पैदा कर दी। ये सब राजनीति के शिकार हुए और विकास से वंचित रह गए। बिहार के लोगों तक नहीं पहुंच रहा योजनाओं का फायदा। दक्षिण भारत में भी कई नेता ने लोगों को बर्बाद कर दिया है। यहां कई जातियों को कर्नाटक में लोगों को विकास के क्षेत्र में पीछे छोड़ दिया। अनुसूचित जाती के साथ भी ऐसा ही किया गया। तुष्टिकरण की राजनीति ने सब को बर्बाद कर छोड़ा। जब हम तुष्टिकरण की राजनीति करते है तो समाज पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत फुटपाथ के लोगों को बैंक भेजने और लोन दिलाया। पीएम विश्वकर्मा योजना लाए है लोगों को फायदा देने के लिए इस योजना की शुरूआत की गई है। घुमंतू और बेदगा जनजाति के लिए बेलफेयर वार्ड गठित किया। गरीब परिवारों के लिए भी सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए मौका दिया।

युनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर लोगों मे भ्रम है। इसे लेकर क्या कहते हैं। जो भी 3 तलाक के पक्ष में बात करते हैं, वकालत करते हैं ये वोट बैंक के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय करते हैं। तीन तलाक से सिर्फ बेटियों को ही नुकसान नहीं होता है। बेटी को ससुराल भेजने वाले मां- बाप और भाई पर क्या गुजरती होगी जो 10 साल पहले ब्याही गई हो फिर वापस आ जाए। तीन तलाक से पूरा परिवार तबाह हो जाता है। अगर ऐसा होता हो तो दुनिया के मुस्लिम देश इसे बैन नहीं करते। इजिप्ट में 90 साल पहले तीन तलाक को खत्म कर दिया। अगर तीन तलाक जरूरी अंग है तो फिर मुस्लिम बाहुल्य दश में बंद क्यो कर दिया। मुस्लिम बहनें मेरे साथ खड़ी रहतीं है। भारत के मुस्लिमों के समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उन्हे भड़काने का काम कर रहे है। ये लोगों को समझना पड़ेगा। भारते से संविधान में लोगों के समान अधिकार की बात कही गई है। ये जो लोग हम पर आरोप लगाते है तो मुस्लिम भाई विकास में पीछे नहीं रहते। वोट बैंक के भूखे लोग नहीं चाहते यूनिफार्म सिविल कोड लागू हो। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी इसे लागू करने के लिए कह रही है। पसमांदा मुस्लमान भाई बहन का जीना मुश्लिल कर रखा है। कितने काम में गिजा करते है। उन्ही के घर्म के एक वर्ग ने उनका शोषण किया है। आज तक इस बारे में कभी चर्चा की गई। आज भी इन्हें छोटा और नीच समझा जाता है। यूसीसी पर लोगो को भड़काया जा रहा है

हमने 2014 और 2019 का चुनाव देखा है। इस समय के हालात याद है। भाजपा क घोर विरोधी दलों में इतनी छटपटाहट नहीं दिखी, जो आज दिख रही है। जिन लोगों को कुछ लोग अपना दुश्मन मानते थे और अब उन लोगों को वह नतमस्तक कर रहे हैं। ये उनकी मजबूरी है। उनकी घबराहट से साफ है कि जनता ने 2014 के बाद से बापस भाजपा को जिताने का मन बना लिया है। 2024 में फिर एक बार भाजपा की प्रचंड विजय तय है। इसी वजह से सारे विपक्षी दल बौकलाए हुए है। इसलिए इन्होंने तय किया है कि चुनाव से कुछ महीने पहले जनता को गुमराह करके झूठे आरोप लगाकर जनता को बरगलाकर लोगों को भटकाया जाए। आज कल एक नया शब्द काफी पापुलर किया जा रहा है। गारंटी बीजेपी कार्यकर्ताओं की ये जिम्मेदारी है कि वो बताए कि ये किस चीज की गारंटी है। ये सारे दल दे रहे है भ्रष्टाचार और घोटालो की। कुछ दिन पहले मिलकर फोटो निकालने का कार्यक्रम हुआ था। वो सब मिलकर कम से कम 20 लाख करोड़ की गारंटी है। और कांग्रेस अकेले का लाखों करोड़ो का घोटाला है। कांग्रेस का 1 लाख 86 हजार कोएला, 3 जी घोटाला, 70 हजार कामन वेल्थ घोटाला, 10 हजार करोड़ मनरेगा घोटाला, इन पार्टियों का पास है घोटालो का अनुभव इनके पास सिर्फ घोटालो की गारंटी है। क्या देश इनके घोटालों की गारंटी तो स्वीकार करेगा।

हर घोटालेबाज पर कार्रवाई की गारंटी, हर चोर लुटेरे पर कार्रवाई की गारंटी। जिसने गरीब और देश को लूटा है उसका हिसाब होकर रहेगा। आज जब कानून का डंडा चल रहा है जेल की सलाखे दिख रहीं है जब जाकर जुगलबंदी हो रही है। भाजपा के बूथ स्तर के कार्यकर्ता इस बात को लोगों तक पहुंचाएंगे तो लोगों भी पता चलेगा। उन दलों की असली पहचान 20 लाख करोंड़ रुपए की घोटालो की गारंटी है। इसके लिए पटना से बढ़िया जगह क्या हो सकती है। जो लोग जमानत पर चल रहे है ऐसे लोग उन लोगों से जाकर मिल रहे है और जेल का अनुभव पूछ रहे है क्योंकि इनको खुद के जाने का डर है। इसलिए एकजुट होकर पूछ रहे है। कोई गरीब नहीं चाहता कि उसका बच्चा गरीब रहे। परिवारवाद के नाम पर वोट मांगने वालों ने सिर्फ अपना भला देखा। अब आपको तय करना है कि आप किसका भला देखना चाहते है। आपको गांधी परिवार के बेटे-बेटी का भला करना हो तो कांग्रेस को वोट दीजिए। आपको जिसके परिवार के बेटे-बेटों का भला करना हो तो उनकी पार्टी को वेट दीजिए। अगर आपको अपने बेटे-बेटी नाते-पोते का का भला करना हो तो आप भाजपा को वोट दीजिए।

आज भारत में विकास तेजी से हो रहा है और महंगाई दर नियंत्रण में है। दूरे कई देशों में महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। भारत में महंगाई दर 5 प्रतिशत से भी कम है। कोरोना और युद्ध के बाबजूद महंगाई नियंत्रण से बाहर नहीं हुई। आज हर भारतीय हर महीने 20 जीबी डेटा इस्तेमाल करता है। 2014 से पहले 1 जीबी डेटा की कीमत करीब 300 रुपए थी। उस हिसाब से आज आपका बिल 6000 रुपए आता। लेकिन बीजेपी ने गरीब के लिए डेटा सस्ता कर दिया है। जिससे करीब आपका 5000 रुपए बच रहा है।

एलइडी बल्व 300 रु का बिकता था औज 50 से 60 रुपए में बिक रहा है। इससे 20 हजार रुपए लोगों का बिजली का बिल कम हुआ है। च्डश्रच् योजना के तहत उत्तम दवाई सस्ते में मिलती है। इससे 20 हजार करोड़ रुपए बच रहा है। 2000 की दवाई 100-150 रुपए में मिल जाती है। पांच लाख तक मुफ्त इलाज मिलता है। 5 करोड़ लोगों ने इलाज कराया। अगर आयुष्मान नहीं होता तो लोगों को 80 हजार करोड़ रुपए खर्च करना पड़ता। लेकिन विपक्षी पार्टियां पेट्रोल-डीजल के नाम पर हाय तौबा मचा रखी है। गौर भाजपा राज्यो ने वैट बढ़ाया और जनता से बसूली का काम जारी रखा है। भाजपा शासित प्रदेशों में 100 रुपए से कम है पेट्रोल।

किसानों के हित में उपजाऊ जमीन होने के बाबजूद फायदा नहीं मिला। कांग्रेस की सरकार के दौरान सूखा पड़ता था, बाढ़ में किसानों की कोई सुध नहीं लेता था। कांग्रेस का एक मंत्र था पहले किसानों को परेशआनी में पड़ने दो और फिर कर्जमाफी के नाम की फसल काटो। आज तक कोई कर्जमाफी नहीं हुई है। छोटे किसानों के तो बैंक में खाते तक नहीं होते थे । लेकिन आज बैंक में अकाउट खुलने से आज पैसा डायरेक्ट पैसा पहुंचता है। सवा 2 लाख करोड़ रुपए 11 करोड़ किसानों के खाते में जमा हो चुके है। मिश्र में मिलेट का काफी चर्चा हुई। भाजत में मोटे अनाज की खेती होती है। मिलेट सुपर फूड होता है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता है। श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करें। अर्थ व्यवस्था में भारत 10वें नंबर से 9 साल में आज 5वें नंबर पर आ गया है। कमल से जुड़े कार्यकर्ता की पहचान सेवादास के रूप में हो। ये अभियान आपकी तपस्या से कम नहीं होना चाहिए। जाने के बाद भी आपसे संपर्क बना रहना चाहिए। आपसे मिलकर मेरी विदेश यात्रा की थकान उतर गई।