मांडा रोटी ने बनाई देश में अलग पहचान, हासिल कर चुकी है देश की सबसे बड़ी रोटी का तमगा, जानें क्या है इसका इतिहास
Manda Roti burhanpur:
Manda Roti burhanpur
Manda Roti burhanpur : बुरहानपुर। बुरहानपुर में रुमाली रोटी जैसी दिखने वाली मांडा रोटी ने अब देश में अलग ही पहचान बना ली है। इसे भारत देश की सबसे बड़ी रोटी माने जाने लगा है। मांडा रोटी के स्थानीय लोग तो शौकिन हैं ही बल्कि यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटक भी इस रोटी को देख कर हैरान हो जाते हैं और इसके जायके का जमकर लुत्फ उठाते हैं।
मुगलकाल से शुरू हुई इस मांडा रोटी को बनाने वाले शहर में 100 से अधिक परिवार हैं। इन परिवारों के करीब 700 सदस्य दावतों में मांडा रोटी बनाकर ही अपना जीवन यापन करते हैं। सन् 1601 में मुगलिया दौर में मुगल शासकों ने बुरहानपुर में फौजी छावनी बनाई थी। इस दौरान भारत के हर कोने से मुगलिया सैनिक बुरहानपुर फौजी छावनी में आया करते थे। ऐसे में कम समय में अधिक मात्रा में भोजन तैयार करना एक बड़ी चुनौती होती थी, इस समस्या से निजात पाने और दरबारियों को बेहतरीन भोजन देने के लिए स्थानीय बावर्चियों ने बड़े आकार की रोटी जिसे मांडा कहा जाता है बनाने की शुरुवात की। तभी से यह रोटी बुरहानपुर में बनाई जाती है।
बुरहानपुर की इस मांडा रोटी ने देश में सबसे बड़ी रोटी के रूप में पहचान बना ली है, देश के अनेक राज्यांे के साथ विदेशों तक बुरहानपुर के मांडा रोटी की डिमांड बढ़ गई है, इन मांडा रोटी को रवा मैदा और आटा मिलाकर तैयार किया जाता है। यहां पर दो तरह के मांडा रोटी मिलती है एक सादा मांडा रोटी और दूसरा स्पेशल मांडा रोटी मिलती है। सादा मांडा रोटी 50 रुपये किलो और स्पेशल मांडा रोटी 60 से 70 रुपये किलो में बिक रही है। इस मांडा रोटी को सभी वर्ग के लोग पसंद करते है।

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