छतरपुर। जिले में प्रशानिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने वाले मनोज अग्रवाल उर्फ मंजू नेता के विरुद्ध सिविल लाइन थाना में शासकीय मंडी में कर्मचारियों से विवाद के बाद सरकारी कार्य में बाधा व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन उसके बाद हाई वोल्टेज ड्रामा शुरु हो गया। मंजू नेता खुद शाम को सिविल लाइन थाने में क्रांतिकारियों जैसी ड्रेस पहनकर पहुंचे, जिसमें फटे कुर्ते और उसमें लाल रंग के निशान जो बहते खून की तरह बने हुए थे और छतरपुर प्रशासन को अंग्रेजों जैसा शासन बता रहे थे और मंजू नेता को उसका पीड़ित क्रांतिकारी।
इस मामले में काफी देर तक हाई वोल्टेज ड्रामा होने के बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने मंजू नेता को अंदर बुलाया और उसके बाद अपने ही थाने में दर्ज अपराध धारा 353, 186, 294 ,506 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था उसमें मंजू नेता को नोटिस देकर छोड़ दिया गया। अब इस मामले की चर्चा पूरे छतरपुर समेत बुंदेलखंड क्षेत्र में लगातार चल रही है। क्योंकि नेता ने थाने से निकलते ही कहा कि मैं भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी लड़ाई को जारी रखूंगा। कभी गधे की सवारी करके प्रशासन को चैलेंज करने वाले तो कभी खुलेआम प्रशासन के अधिकारियों के विरुद्ध मोर्चा खोलने वाले मंजू नेता पर आज आखिरकार सिविल लाइन थाना पुलिस FIR दर्ज कर ली। क्योंकि सुबह ही उन्होंने सटई रोड के शासकीय मंडी में किसानों से वसूली जाने वाली कर के विरोध में आवाज उठाई थी।
इसके चलते वहां उपस्थित कर्मचारियों से उनका विवाद हो गया था, उसके बाद कर्मचारियों के लिखित आवेदन के आधार पर छतरपुर सिविल लाइन थाना पुलिस ने मंजू नेता के विरुद्ध FIR दर्ज की थी, जिसके विरोध में वह खुद शाम को सिविल लाइन थाने में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार होने पहुंच गए। लगभग 1 घंटे चले इस हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस ने उन्हें नोटिस के आधार पर छोड़ दिया क्योंकि मामला अभी विवेचना में है। इसलिए पुलिस में छोड़ते हुए आधिकारिक बयान जारी किया है कि अभी मामला विवेचना में है और क्योंकि स्वयं मंजू नेता थाने में आकर हाजिर हुए। इस आधार पर उन्हें नोटिस दिया जा रहा है, वही आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बुलाया जाएगा।
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