ग्वालियर, 28 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर में ऐतिहासिक वीरांगना लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर सोमवार को ‘संविधान बचाओ’ रैली निकाली।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि एक नई लड़ाई शुरू हो रही है और यह सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ नहीं बल्कि संविधान को कमजोर करने वाली ‘सोच’ के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ रही है, बल्कि वह उस संविधान की रक्षा के लिए खड़ी है जो गरीबों, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को अधिकार देता है।’
कांग्रेस महासचिव और मध्यप्रदेश के प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि संविधान हर नागरिक को बोलने, रहने और चुनाव लड़ने का अधिकार देता है, लेकिन आज हर अधिकार पर हमला हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यह रैली सिर्फ राजनीतिक नहीं है, बल्कि सामाजिक जागरूकता की शुरुआत है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सोशल मीडिया और डिजिटल मंचों की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा शासन की आलोचना की और कहा कि 30,000 से अधिक सरकारी पदों को खाली रखा गया है ताकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं को आरक्षण न देना पड़े।
उन्होंने दावा किया कि नियुक्तियां अनुबंध और आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जा रही हैं।
श्रीनेत ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में भाजपा नेता आदिवासियों पर अत्याचार करते हैं और दलित युवकों पर गोली चलाते हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि रैली एक ‘जन आंदोलन’ है।
उन्होंने कहा, ‘संविधान आपको समानता, नौकरी और आरक्षण का अधिकार देता है। लेकिन भाजपा सरकारें कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए आपके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं। 70 से अधिक युवा स्टार्टअप बंद हो गए हैं, लाखों सरकारी पद खाली हैं क्योंकि उन्हें (सरकार को) आरक्षण देना पड़ सकता है।’
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने लोगों से पूरे दिल से आंदोलन का समर्थन करने के लिए कहा।
संयोग से ग्वालियर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का गृह क्षेत्र है, जो 2020 की शुरुआत में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
भाषा ब्रजेन्द्र
नोमान
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