सियासत के ‘बजरंग’..’दल’ और ‘सेना’ में जंग! क्या अब राम के बाद बजरंगबली को लेकर होगी चुनावी राजनीति?
Congress is moving forward by firmly holding the agenda of hardcore Hindutva
नवीन कुमार सिंह/भोपाल : मध्यप्रदेश में चुनावों के पहले कांग्रेस ने अपने तेवर साफ कर दिये हैं। कांग्रेस इस बार हार्डकोर हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूती से पकड़कर आगे बढ़ रही है। बजरंग सेना ने भी कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया है। कांग्रेस बजरंगबली के सहारे सत्ता की सीढ़ी चढ़ने के लिए बेताब नज़र आ रही है लेकिन कांग्रेस की तैयारियां देखकर बीजेपी बेचैन है।
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कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश की पॉलिटिक्स में भी बजरंगबली की एंट्री हो गई है। भोपाल में बजरंग सेना की इस भगवा रैली से ये आगाज हुआ। कांग्रेस दफ्तर की ये तस्वीरें बता रहीं हैं कि कांग्रेस ने बीजेपी की पिच पर खेलने की प्रेक्टिस शुरू कर दी है। कांग्रेस जानती है कि बीजेपी की जीत का फॉर्मूला सिर्फ वोटों का ध्रुवीकरण ही है। लिहाजा कांग्रेस ने हिंदू वोटों की सेंधमारी के लिए तगड़ी तैयारी की है। इसी रणनीति के तहत बजरंग सेना के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है। बजरंग सेना के मुताबिक गौ माता और हिंदुत्व की रक्षा के लिए कांग्रेस जो वादे कर रही है उसे ज़रूर निभाएगी। कमलनाथ की मौजूदगी में बजरंग सेना ने पूरे प्रदेश को ये संदेश दिया कि हिंदुओं की असल हितैषी सिर्फ कांग्रेस ही है।
कांग्रेस चुनावों में 90 फीसदी वोट बैंक को रिझाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है। पार्टी का धर्म उत्सव प्रकोष्ठ हर विधानसभा सीट पर हनुमान चालीसा के पाठ के साथ सुंदरकांड कर रहा है। मठ मंदिरों के अलावा सुंदरकांड के कार्यक्रम कांग्रेस दफ्तरों में भी हो रहे हैं। कांग्रेस लीडरशिप की ये कोशिश है कि कार्यकर्ता इस गफलत में न रहें कि कांग्रेस प्रो मुस्लिम पार्टी है। इधर, कांग्रेस की इस रणनीति पर बीजेपी नेता तंज कस रहे हैं।
मध्यप्रदेश में चुनावों के पहले धर्म का चुनावी तड़का लग चुका है… लेकिन इस तस्वीर पर सवाल यही है कि कर्नाटक में बजरंग दल पर बैन की बात करने वाली कांग्रेस का रंग मध्य प्रदेश में क्यों बदल गया। कांग्रेस को बजरंग दल जैसे ही संगठन बजरंग सेना से परहेज क्यों नहीं है। जैसे-जैसे इस लाइन पर सियासत और बढ़ेगी.. सवाल और भी उठेंगे। फिलहाल बजरंग सेना ने भोपाल की सड़कों पर दमखम दिखाते हुए जिस तरह कांग्रेस का दामन थामा है। जाहिर है, मध्य प्रदेश में आने वाले चुनावों में सियासत की लड़ाई का एक चैप्टर बजरंग दल वर्सेज बजरंग सेना भी होगा।

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