Vijaypur Election Result 2024 : विजयपुर में कांग्रेस की शानदार जीत.. PCC चीफ जीतू पटवारी ने किया बयान जारी, कार्यकर्ताओं का जताया आभार
Vijaypur Election Result 2024 : जीतू पटवारी ने कहा कि विजयपुर की ऐतिहासिक जीत बीजेपी के लिए करारा जवाब है।
Jitu Patwai on BJP |
विजयपुर। Vijaypur Election Result 2024 : मध्य प्रदेश की दो विधानसभा उपचुनावों में मतगणना के दौरान बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। पहले राउंड में पिछड़ने और फिर दूसरे राउंड में बढ़त बनाए रखने के बाद भाजपा प्रत्याशी और वन मंत्री रामनिवास रावत 17वें राउंड से अचानक फिर पिछड़ गए। इसके बाद रावत कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा को पीछे नहीं छोड़ पाए। 21वें राउंड की काउंटिंग में रावत मल्होत्रा से 7228 वोट से हार गए हैं।
विजयपुर जीत पर PCC चीफ जीतू पटवारी का बयान
विजयपुर जीत पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने बयान जारी किया है। जीतू पटवारी ने कहा कि विजयपुर की ऐतिहासिक जीत बीजेपी के लिए करारा जवाब है। विजयपुर में कलेक्टर ने भारतीय जनता पार्टी के लिए काम किया लेकिन जनता ने बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान की रक्षा की। हमारे कार्यकर्ताओं को जेल भेजा यातनाएं दी, लेकिन फिर भी हमारे कार्यकर्ता डरे नहीं लड़ते रहे। विजयपुर में कार्यकर्ताओं का आभार। विजयपुर की जीत से पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा। यदि लड़ेंगे तो जीतेंगे का संदेश कार्यकर्ताओं को मिला है।
#WATCH इंदौर: विजयपुर उपचुनाव में कांग्रेस की जीत पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, “विजयपुर की जीत उस कार्यकर्ता की जीत है जिसने बहुत यातनाएं सही, बहुत संघर्ष किया जेल गया…मैं मानता हूं कि ये देश और प्रदेश के सभी कांग्रेसजनों को एक संदेश है कि जब कार्यकर्ता… pic.twitter.com/NAQG3R3x7r
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 23, 2024
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले 30 अप्रैल को रामनिवास रावत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद भाजपा ने छह बार के विधायक रावत को प्रदेश सरकार में वन मंत्री बना दिया गया था। लेकिन, रावत को भाजपा में शामिल करने और उन्हें प्रत्याशी बना जाने का पार्टी के अंदर विरोध शुरू हो गया था।
हालांकि, शीर्ष नेतृत्व ने असंतुष्ट नेताओं को मनाने का दावा किया था, लेकिन विजयपुर के परिणाम बताते हैं कि भाजपा नेता और कार्यकर्ता रावत को स्वीकार नहीं कर पाए। भाजपा से पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी और बाबूलाल मेवाड़ा भी टिकट के दावेदार थे। लेकिन, उन्हें टिकट नहीं दिया था। ऐसे में अब आरोप लग रहे हैं कि इन दोनों नेताओं ने चुनाव में पूरे मन से काम नहीं किया।
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