घोटाले की ​पंचायत! 60 पंचायतों ने कभी हरियाली के नाम पर, तो कभी विकास के नाम पर किए पैसे हजम

घोटाले की ​पंचायत! Exposed Scam in 60 Panchayat of Gwalior Chambal Area

Modified Date: November 29, 2022 / 07:51 pm IST
Published Date: August 10, 2021 12:01 am IST

ग्वालियर: अगर ये कहें कि प्रदेश में घोटालों वाली पंचायतें हैं, तो ये पूरी तरह से गलत नहीं होगा। क्योंकि ग्वालियर-चंबल संभाग की 60 पंचायतों में बड़े स्तर का घोटाला सामने आया है। पंचायतों में हुए ये घोटाले कभी विकास कार्य के नाम पर हुए, तो कभी हरियाली की आड़ में किए गए और इन घोटालों के सरताज कोई और नहीं बल्कि पंचायतों के सचिव और सरपंच हैं, जिनसे अब घोटाले की राशि को वसूला जा रहा है। साथ ही भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत संबंधित थाना क्षेत्रों में मामले दर्ज कराए जा रहे हैं।

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ग्वालियर जिले में हरियाली के लिए 2009 से अभी तक 11 साल में लगभग 9 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं, जिन पर लगभग 63 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके बाद भी अंचल में हरियाली विकसित नहीं की जा सकी। जनता के खजाने से खर्च हुई इस राशि में से 25 पहाड़ियां ही ऐसी हैं, जहां सघन हरियाली दिखती है। इसके अलावा अधिकतर पंचायतों में पेड़ों की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। कारण- सिकरौदा, बेरू, पंचायत अर्रू सहित करीब दो दर्जन पंचायतों के पौधारोपण में जमकर गोलमाल हुआ।

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हर साल बारिश में नए सिरे से हरियाली के लिए प्लान बनता है और पिछले सालों में हुई आर्थिक अनियमितताओं की फाइलों पर धूल चढ़ती जाती है। इस आर्थिक अनियमितताओं को लेकर अंचल के करीब सात सरपंचों पर कार्रवाई भी हुई थी। लेकिन फर्जीवाड़ा करने वालों से राशि वसूली नहीं हो सकी है, जिसे लेकर साल 2010 से प्रकरण चल रहे हैं। इस बीच पांच सीईओ भी बदल चुके हैं, फिर भी जांच के परिणाम सामने नहीं आए। हालांकि नए सीईओ कह रहे हैं कि 60 पंचायतों में हुआ घोटाला पकड़ में आ गया है, जिसमें वसूली की जा रही है।

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साल 2009 से 2020 तक जो पड़े लगाए गए, उनमें जनपद भितरवार की 15 पंचायतों में 93,300 पौधे, जनपद मुरार की 17 पंचायतों में 1 लाख 48 हजार 800 पौधे लगाए गए थे। जनपद घाटीगांव की 17 पंचायतों में 1 लाख 50 हजार 600 पौधे लगाए गए थे। जनपद डबरा की 19 पंचायतों में 1 लाख 51 हजार 350 पौधे लगाए गए थे, जिसके लिए 2009 से 2012 तक पूरे जिले में लगभग 33 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। 2012 से 2015 तक पूरे जिले में 22 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। 2015 से 2018 तक पूरे जिले में 7करोड़ 48 लाख रुपए खर्च हुए। 2019 से 2020 तक पूरे जिले का खर्च लगभग 1 करोड़ 50 लाख रहा है।

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जिले की डबरा जनपद की पंचायत अर्रू अब नगर पालिका का हिस्सा है। इसके बावजूद वृक्षारोपण, सामुदायिक वृक्षारोपण सहित अन्य योजनाओं में 14 लाख रुपए खर्च किए गए। तत्कालीन समय में ऑडिट के दौरान तत्कालीन सहायक उद्यानिकी अधिकारी MPS बुंदेला सहित अन्य अधिकारियों ने जांच की, तो सिर्फ नौ पौधे जीवित मिले थे। थैलियों में रखे-रखे बाकी पौधे सूख गए थे। यही नहीं, तार फेंसिंग भी निजी काम में ली गई थी। इन सारे मामलों में जांच पूरी ना होने के कारण जिम्मेदारों पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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