मध्यप्रदेश: श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी नेता रहे पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का निधन

मध्यप्रदेश: श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी नेता रहे पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का निधन

मध्यप्रदेश: श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी नेता रहे पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का निधन
Modified Date: December 15, 2025 / 02:44 pm IST
Published Date: December 15, 2025 2:44 pm IST

रीवा (मध्यप्रदेश), 15 दिसंबर (भाषा) श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी नेता रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का हृदयाघात के कारण सोमवार को मध्यप्रदेश के रीवा स्थित एक अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि वेदांती लंबे समय से बीमार थे और सोमवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वेदांती 67 वर्ष के थे।

रीवा स्थित श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अधीक्षक अक्षय श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा कि वेदांती को रविवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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उन्होंने कहा कि जब उन्हें भर्ती कराया गया तब वेदांती को रक्त विषाक्तता (सेप्टीसीमिया) का संक्रमण था और यह बहुत ज्यादा फैल चुका था।

श्रीवास्तव ने बताया कि उनका रक्तचाप बेहद कम हो गया था और किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया था।

उन्होंने बताया कि रविवार रात उन्हें हृदयाघात आया और चिकित्सकों की टीम ने उपचार का हरसंभव प्रयास किया। इसके लिए वेंटिलेटर पर रखा गया।

चिकित्सा अधीक्षक ने कहा, ‘‘लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। सोमवार सुबह उनका निधन हो गया।’’

श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष रहे वेदांती इन दिनों रीवा जिले के भठवा (लालगांव) में कथा वाचन कर रहे थे।

चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि रविवार को हृदयाघात के बाद उन्हें एयर एंबुलेंस से भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाने का प्रयास किया गया था, लेकिन खराब दृश्यता के कारण यह संभव नहीं हो सका।

राम विलास वेदांती का जन्म सात अक्टूबर 1958 को रीवा जिले के गुढ़वा (गुढ़) में हुआ था। वह श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से लंबे समय तक जुड़े रहे और अयोध्या में रहकर आंदोलन का नेतृत्व किया। वह उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और मछलीशहर लोकसभा क्षेत्रों से सांसद भी निर्वाचित हुए थे।

वेदांती के शिष्य छोटे दास महाराज ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार अयोध्या में किया जाएगा।

भाषा सं ब्रजेन्द्र खारी

खारी


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