Guna News: परिजन करते रहे बार-बार 108 पर कॉल, फिर भी नहीं आई एंबुलेंस, बेबस होकर महिला को ऐसे पहुँचाया अस्पताल
गुना में 108 एंबुलेंस सेवा समय पर न पहुँचने से परिजनों को गंभीर रूप से घायल महिला को खटिया पर उठाकर 4 किमी पैदल अस्पताल ले जाना पड़ा। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी लापरवाही को उजागर करती है।
Guna News / Image Source : IBC24
- परिजनों ने 108 पर कई बार कॉल किया, फिर भी एंबुलेंस नहीं पहुँची।
- घायल महिला को परिजनों ने खटिया पर 4 किमी पैदल उठाकर अस्पताल पहुँचाया।
- स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर ग्रामीणों में नाराज़गी।
Guna News गुना : मध्य प्रदेश के गुना ज़िले से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। मधुसूदनगढ़ से आई इस तस्वीर ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली की पोल खोल दी है। जंगली सूअर के हमले से गंभीर रूप से घायल 62 वर्षीय महिला को एंबुलेंस सेवा समय से न मिलने पर उसके परिजनों ने खटिया पर लादकर 4 किलोमीटर पैदल अस्पताल पहुँचाया। महिला को फ़िलहाल प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल रेफ़र कर दिया गया है।
जंगली सूअर के हमले से घायल हुई महिला
Guna News मिली जानकारी के अनुसार, 62 वर्षीय मूल्या बाई गुरुवार सुबह ग्राम गोविंदपुर के जंगल में लकड़ी बीनने गई थीं। सुबह करीब 8 बजे उस पर एक जंगली सूअर ने हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर गई। घायल करीब दो घंटे तक जंगल में ही पड़ी रहीं। उसके साथ मौजूद इमरती बाई ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी।
दो घंटे के इंतज़ार के बाद भी नहीं पहुँची एंबुलेंस
ग्रामीण तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को दो बार कॉल किया। ग्रामीण मदद का इंतज़ार करते रहे लेकिन 2 घंटे तक इंतज़ार के बाद भी एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुँची। स्वास्थ्य विभाग की इस घोर लापरवाही के सामने ग्रामीण बेबस हो गए।
मजबूरी में परिजनों ने घायल मूल्या बाई को खटिया पर लिटाया और कंधे पर उठाकर, ऊबड़-खाबड़ रास्तों से लगभग 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मधुसूदनगढ़ पहुँचे। स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे आगे रेफ़र कर दिया गया है।
Guna News यह तस्वीर गुना ज़िले की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर करती है, जहाँ आपातकालीन स्थिति में भी लोगों को अपनी जान बचाने के लिए इस तरह के जोखिम उठाने पड़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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