ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी प्लॉटों की बंदरबांट का खुलासा, नियमानुसार नहीं हुआ प्लॉट का आवंटन, जा​नें पूरा मामला

Disclosure in Gwalior Development Authority: ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी GDA में प्लॉटों की बंदरबांट का एक बड़ा खुलासा RTI में हुआ है।

ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी प्लॉटों की बंदरबांट का खुलासा, नियमानुसार नहीं हुआ प्लॉट का आवंटन, जा​नें पूरा  मामला

Disclosure in Gwalior Development Authority

Modified Date: March 21, 2024 / 07:43 pm IST
Published Date: March 21, 2024 7:43 pm IST

Disclosure in Gwalior Development Authority : ग्वालियर। मध्यप्रदेश में ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी GDA में प्लॉटों की बंदरबांट का एक बड़ा खुलासा RTI में हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट एच एस यादव ने अपने पिता की जमीन का अधिग्रहण ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा किया गया था। यादव का आरोप है कि अधिग्रहण करते समय जो अनुबंध था जिसके तहत प्लॉट का अलॉटमेंट होना था। लेकिन उसमें गंभीर भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली जिसके चलते यादव ने जुलाई 2021 में आरटीआई आवेदन दायर कर GDA से प्लॉट के अलॉटमेंट और नियमों की जानकारी मांगी।

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GDA से RTI में जानकारी नहीं मिलने पर यादव ने सूचना आयोग में अपील दायर की तो सूचना आयोग ने सितंबर 2022 में जानकारी 15 दिन मे देने के लिए GDA को निर्देशित किया। पर GDA ने सूचना आयोग के आदेश को भी ताक पर रख दिया और यादव को जानकारी नहीं दी। तब यादव ने सूचना आयोग में शिकायत दर्ज की। इस शिकायत की सुनवाई राहुल सिंह ने की। सिंह ने सूचना आयोग के आदेश की अवेहलना को गंभीर प्रकरण बताते हुए तत्काल इसमें जानकारी देने की निर्देश दिए। साथ ही सिंह ने अपने आदेश की कंप्लायंस रिपोर्ट भी मंगवा ली। साथ ही प्रकरण में जुर्माने और अनुशासनिक कार्रवाई का नोटिस भी जारी कर दिया।

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वहीं अधिकारी रिटायर्ड हो चुके तत्कालीन अधीक्षण यंत्री सुभाष सक्सेना को आयोग ने ढूंढ निकाला। RTI में जानकारी छुपाने पर शासकीय सेवा में रहते हुए तो कार्रवाई होती है। लेकिन सेवानिवृत्त अधिकारी भी अब सूचना आयोग की सख्ती के चलते कार्रवाई की चपेट में आ रहे हैं। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सूचना आयोग के आदेश के बावजूद जानकारी छुपाने वाले सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी विरूद्ध ₹10000 जुर्माना लगा दिया।

 

वहीं दूसरी ओर यादव का आरोप है…GDA ने नियम कायदे कानून को ताक पर रखते हुए एक ही व्यक्ति जैसे श्री राम इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम 32 प्लॉट अलॉट किए हैं। इसके अलावा भी अन्य लोग भी है जिनके नाम छह से सात प्लॉट का अलॉटमेंट हो चुका है। यादव का आरोप है कि GDA में नियम की अनदेखी करते हुए प्लॉट एलॉटमेंट में जम के भ्रष्टाचार हुआ है। जिसको लेकर जीडीए के नए सीईओ ने जांच के आदेश दिए है।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years