Bharat Band 2024 : जबरदस्ती दुकान बंद कराने वालों की खैर नहीं, भारत बंद का आह्वान करने वालों को प्रशासन का निर्देश

Bharat Band 2024 : SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध को लेकर आज भारत बंद का आह्वान।

Bharat Band 2024 : जबरदस्ती दुकान बंद कराने वालों की खैर नहीं, भारत बंद का आह्वान करने वालों को प्रशासन का निर्देश

Effect of Bharat Bandh in Gwalior

Modified Date: August 21, 2024 / 12:48 pm IST
Published Date: August 21, 2024 12:48 pm IST

ग्वालियर : Effect of Bharat Bandh in Gwalior SC-ST आरक्षण पर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध को लेकर आज भारत बंद का आह्वान किया है। भारत बंद के आह्वान को लेकर ग्वालियर में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। प्रशासन ने 2018 वाली गलती दोबारा न हो इसके लिए पहले से ही तैयारी कर रखी है। वहीं बंद को लेकर कलेक्टर ने धारा 163 लागू करते हुए कहा कि कोई स्वेस्छानुसार अपनी दुकान बंद करना चाहे तो करे पर किसी तरह की जबरदस्ती या बलपूर्वक बर्दाशत नहीं की जाएगी।

Effect of Bharat Bandh in Gwalior दरअसल अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। बंद के मद्देनजर ग्वालियर चंबल क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन चौकन्ने हो गए हैं। बताया जा रहा है कि भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के अलावा कई और वर्गों ने शक्ति प्रदर्शन के साथ प्रशासन को ज्ञापन देने की योजना बनाई है। इस दौरान किसी प्रकार की हिंसा न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। वहीं प्रशासन ने कानून नियम 2023 के तहत धारा 163 (पहले धारा 144) लगा दी है।

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सोशल मीडिया पर पुलिस और प्रशासन की कड़ी निगरानी

इधर भारत बंद के चलते पुलिस विभाग और प्रशासन एक बार फिर सड़क और सोशल मीडिया पर लगातार नजर बनाई हुई है और साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेजों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। ग्वालियर में लगभग 145 जगह पर पुलिस पिकेट बनाए गए हैं। 45 पार्टियां तैनात की गई हैं और ज्ञापन देने वालों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। ग्वालियर पुलिस ने बताया है कि बसपा ने अपने कार्यकर्ताओं को झलकारी बाई पार्क पर जुटने के लिए कहा है। तो इधर भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी कलेक्ट्रेट में जुटेंगे।

प्रशासन ने 2018 की घटना से लिया सबक

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था कि सभी SC और ST जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। कोर्ट ने कहा है कि जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इस फैसले विरोध में ‘भारत बंद’ का ऐलान करने वाले संगठन इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले 2 अप्रैल 2018 में बंद को लेकर ग्वालियर चंबल अंचल में बड़ी हिंसा हुई थी। जिसमें तोड़फोड़ आगजनी के साथ-साथ कई लोगों की जान भी चली गई थी। उससे सीख लेकर दोबारा इस प्रकार की घटना ना हो इसलिए पुलिस और प्रशासन ने पूरे अंचल को अपनी निगरानी में ले लिया है। वहीं ग्वालियर कलेक्टर रूचिका चौहान ने कहा कि जो लोग स्वेच्छा से बंद करना चाहे तो कर सकते हैं परंतु किसी सेभी जबरदस्ती या किसी प्रकार का दबाव दिया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सभी जरूरी सेवाएं बंद के दौरान भी जारी रहेंगी।

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लेखक के बारे में

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