Reported By: Nasir Gouri
,Gwalior PHE Scam
ग्वालियर। Gwalior PHE Scam: मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पीएचई विभाग में हुए घोटाले की जांच का दायर लगातार बढ़ता जा रहा है। पहला ये घोटाला 16 करोड़ 42 लाख रूपए का समाने आया था। लेकिन अब ये घोटाला 81 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। इस मामले में अब पीएचई के पांच बड़े अफसरों सहित 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। लेकिन हैरत की बात ये है कि अब तक इस घोटाले का सरगना हीरालाल पुलिस की पकड़ से बाहर है। दरअसल 27 जुलाई को वित्त विभाग ने 71 खातों में 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 853 रुपये का अनियमित भुगतान होने के संदेह में जांच के निर्देश दिए थे। अंतरिम जांच रिपोर्ट 23 अगस्त को प्रस्तुत की गई। इसमें घोटाले की राशि 18 करोड़ 92 लाख 25 हजार 399 रुपए तक पहुंच गई थी। पीएचई विभाग के संधारण खंड -1 में हुए घोटाले की राशि बढ़कर 33 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गई है। पांच सदस्यीय विभागीय टीम की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
पलब्ध नहीं करा रहे दस्तावेज
घोटाले की राशि बढ़ने पर ही अब दोनों टीम अपनी जांच का दायरा और बढ़ाना चाहती हैं। जिसके बाद ये घोटाला 81 करोड़ तक पहुंच गया है। क्राइम ब्रांच के प्रमुख एएसपी ऋषिकेश मीणा का कहना है कि इस मामले में पीएचई के आधिकारी सपोर्ट नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वो इस घोटाले से दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। जिसके कारण जांच में विलंब हो रहा है। बहरहाल पुलिस ने अब तक इस घोटाले से जुड़े कार्यपालन मंत्री संजय सोलंकी, रिटायर्ड डीडीओ आर एन करैया, बाबू अशोक कचौरिया और ठेकेदार राहुल वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।
Gwalior PHE Scam: बता दें कि पीएचई विभाग में घोटाले का खेल पिछले पांच सालों से जारी था। मृतक और रिटायर्ड कर्मचारियों के खातों में फेरबदल कर घोटाले की रकम ट्रांसफर कर बंदरबांट किया जा रहा था। घोटाले की रकम को फर्जी तरीके से 74 बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था। वहीं ट्रेजरी विभाग से मिली रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ है कि 65 खातेदारों के 81 खातों में फर्जी तरीके से भुगतान हुआ था। अब घोटाले की रकम 33 करोड़ 80 लाख रुपये तक पहुंच गई है। ऐसे में मुख्य अभियंता पीएचई का कहना है कि चूंकि वित्त व पीएचई की जांच रिपोर्ट में राशि में काफी अंतर है। इसलिए ईएनसी से चर्चा कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।