Budget session of MP Assembly will start from Monday
भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा के दूसरे दिन 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गूंजा। इस दौरान पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच जोरदार बहस हुई, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस मुद्दे पर सदन को संबोधित करते हुए मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि विवेक तन्खा 10 करोड़ का नोटिस दे रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने 10 पीढ़ियां बर्बाद कर दी है और हमें धमकी दे रहे हैं। जबलपुर HC ने आरक्षण मामले में दखल देने से इनकार किया तो कांग्रेस SC गए, लेकिन SC ने वापस जबलपुर जाने को कहा। अब जबलपुर ने शीतकालीन अवकाश के बाद सुनवाई की बात कही है, लेकिन कांग्रेस ने SC में फिर अर्जेंट सुनवाई करवाई। विवेक तन्खा जी ने महाराष्ट्र का हवाला देकर ओबीसी आरक्षण निरस्त करने की मांग की, इसलिए 100% कांग्रेस जिम्मेदार है। कांग्रेस ने 10 पीढ़ियां बर्बाद कर दीं। 10 करोड़ के नोटिस से भरपाई नहीं हो सकेगी। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सदन में वरिष्ठ वकील शशांक शेखर का पत्र दिखाकर दाव किया कि कोर्ट जाने के लिए तन्खा जी को चार्टर्ड प्लेन दिया गया था। 25 लाख रुपए दिए गए। कांग्रेस कितने भी प्रयास कर ले, जान दे देंगे पर ओबीसी आरक्षण कम नहीं होने देंगे।
हमारे 𝕎𝕙𝕒𝕥‘𝕤 𝕒𝕡𝕡 Group’s में शामिल होने के लिए यहां Click करें.
वहीं, सदन को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि आरक्षण तो विषय नहीं था महाराष्ट्र की तरफ मामला कोर्ट में घूमता गया। एक ऐसा आर्डर पास हुआ आरक्षण समाप्त, सरकार का वकील उस समय चुप रही। सरकार का वकील बहस कर सकता था कि आरक्षण स्वीकार नहीं है। सरकार दूसरे दिन संशोधन के लिए कोर्ट में जा सकती थी। संविधान में है। सरकार सिर्फ यह बोल रही है कांग्रेस ने किया है। हम अपना स्थगन प्रस्ताव वापस लेते है। आप बोले आरक्षण स्वीकार नहीं है, आप कोर्ट में जाइए हम भी आपके साथ जाते हैं। अगर सरकार तैयार है तो, हम कोर्ट में चलते हैं। लोकसभा, विधानसभा में कई बहस सुनीं, लेकिन तथ्य से हटकर आज चर्चा सुनी। परिसीमन, रोटेशन को लेकर हमारी मांग रही। डेढ़ साल में आपने उपचुनाव करवा लिए लेकिन पंचायत चुनाव नहीं कराए। किस बात पर कोर्ट में मामला गया ये देखना है।
Read More: CISF में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर बंपर भर्ती, जल्द करें आवेदन
मुख्यमंत्री से निवेदन है हम अगर ओबीसी हितेषी हैं, तो चलो कोर्ट चलते हैं। हम कोर्ट रोटेशन और परिसीमन के लिए गए थे, आरक्षण के लिए नही गए थे। सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर अदालत चले। हम मिलकर उपाय करें। अगर सरकार की नीयत साफ है तो कोर्ट चलें। कोई इसीलिए कोर्ट नहीं गया कि आरक्षण समाप्त हो। बच्चा कही और हुआ, लेकिन मिठाई हम बांट रहे हैं।
Read More: भारत में एक जगह ऐसा भी.. इस राज्य में 24 घंटे में नहीं मिले 1 भी नया केस, जारी है टीकाकरण
CM शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मोदी सरकार ने दिया। कमलनाथ सरकार ने नौकरियों में 27% आरक्षण दिया, तो हमने साथ दिया था। मामला कोर्ट में पहुंचा तो कांग्रेस सरकार के महाधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए। फिर कोर्ट से स्टे मिल गया। इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस SC क्यों नहीं गई? हमारी सरकार पिछड़े वर्ग के लिए कई आदेश जारी किए। बीजेपी पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हम सबके कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। हमारी सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग के लिए योजना लाई गई, योजनाओं को या तो समाप्त कर दिया या उसमें कमी कर दी।
Read More: DA बढ़ाया.. 3000 से 9000 रुपये तक बढ़ जाएगी पेंशन, सरकार ने महंगाई राहत में किया इजाफा
शिवराज सिंह चौहन ने पूछा कि हम पंचायत चुनाव करा रहे थे, आप कोर्ट क्यों गए? जिसके जवाब में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि हम रोटेशन और परसीमन के लिए गए थे, आरक्षण के लिए नहीं। सीएम शिवराज ने आगे कहा कि हम अध्यादेश लेकर आए थे वो संवेधानिक प्रावधानों के तहत लाए थे।
कोर्ट ने अध्यादेश को नहीं रोका। जबकि कांग्रेस ने अध्यादेश पर रोक लगवाने की कोशिश की गई। उन्होंने आगे कहा कि हमने ओबीसी वर्ग की कई योजनाओं शुरू की। बीजेपी ने पिछड़ा वर्ग के तीन तीन मुख्यमंत्री दिए। आपने कभी भी OBC को 27% आरक्षण का लाभ नहीं लेने दिया। हम ओबीसी वर्ग सहित सभी वर्गों के हितैषी हैं। आपके नेता याचिका वापस ले सकते थे, हमने अध्यादेश में कोई परिवर्तन नहीं किया। ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव हो इसकी कोशिश करेंगे। PM से संपर्क में रहकर उन्हें अधिकार दिलाने की कोशिश कर रहा हूं।
Read More: बारसूर नारायणपुर रोड पर IED ब्लास्ट, एक जवान घायल, 5 IED भी बरामद
सीएम शिवराज के इस संबोधन पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि रोटेशन और परिसीमन के लिए कोर्ट गए हैं। अब भी आप जा सकते हैं। उनके इस बयान पर सीएम शिवराज ने कहा कि सरकार ने जो अध्यादेश जारी किया था संविधान के प्रावधान में था। कांग्रेस ने अध्यादेश रोकने का प्रयास किया था। सीएम शिवराज के आरोपों पर कमलनाथ ने कहा कि मैंने और हमारी सरकार ने दिखावे के लिए कुछ नहीं किया।
Read More: अमेरिका में OMICRON से पहली मौत, जानिए वैक्सीन की खुराक लिया था या नहीं..