इंदौर में अपनी तरह का देश का पहला सामुदायिक मध्यस्थता केंद्र शुरू

इंदौर में अपनी तरह का देश का पहला सामुदायिक मध्यस्थता केंद्र शुरू

इंदौर में अपनी तरह का देश का पहला सामुदायिक मध्यस्थता केंद्र शुरू
Modified Date: June 25, 2025 / 11:03 pm IST
Published Date: June 25, 2025 11:03 pm IST

इंदौर, 25 जून (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को इंदौर के पुलिस आयुक्तालय में सामुदायिक मध्यस्थता केंद्र का लोकार्पण किया। इसे प्रदेश सरकार किसी पुलिस आयुक्तालय में शुरू किया गया देश का पहला सामुदायिक मध्यस्थता केंद्र बता रही है।

यादव ने इस केंद्र के लोकार्पण समारोह में कहा, ‘‘मध्यस्थता से न केवल विवादों का निपटारा होता है, बल्कि समाज में आपसी विश्वास भी पैदा होता है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मध्यस्थता के विचार को गांवों तक ले जाने का प्रयास करेगी ताकि ग्रामीण इलाकों में भी मध्यस्थता के जरिये परस्पर सौहार्द्र का माहौल बन सके।

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मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा ने कहा कि मध्यस्थता आपसी विवादों में समझौता कराने के साथ ही मानवीय रिश्तों को मजबूत करने का भी काम करती है।

उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में मध्यस्थता को ‘मीडिएशन’ की संज्ञा दी गई है, जबकि भारत में पंच-सरपंचों के जरिये विवादों को आपसी समझौते के जरिये हल करने की बेहद पुरानी परंपरा रही है।

समारोह में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के प्रशासनिक न्यायाधीश विवेक रुसिया भी मौजूद थे।

इस समारोह से पहले, यादव ने इंदौर में 565 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इनमें इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए 18 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया बहुमंजिला भवन ‘स्नेह धाम’ शामिल है।

अधिकारियों के मुताबिक इस भवन का मकसद बुजुर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा, सम्मानजनक जीवन और सुरक्षित आवास सुविधा सुनिश्चित करना है।

भाषा हर्ष खारी

खारी


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