इंदौर के महापौर ने दूषित पेयजल के कारण डायरिया के प्रकोप से सात लोगों की मौत की पुष्टि की
इंदौर के महापौर ने दूषित पेयजल के कारण डायरिया के प्रकोप से सात लोगों की मौत की पुष्टि की
इंदौर (मध्यप्रदेश), 31 दिसंबर (भाषा) देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त से लोगों की मौत के आंकड़ों को लेकर विरोधाभास के बीच महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बुधवार को कहा कि इस प्रकोप में अब तक सात लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
भार्गव ने संवाददाताओं से कहा,‘‘स्वास्थ्य विभाग ने भागीरथपुरा क्षेत्र में डायरिया के प्रकोप से तीन लोगों की मौत की जानकारी दी है। लेकिन मेरी जानकारी के मुताबिक चार और लोग इस बीमारी के कारण अस्पताल पहुंचे थे और उनका भी निधन हुआ है।’’
उन्होंने बताया कि पहली नजर में लीकेज के कारण पेयजल की पाइपलाइन में ड्रेनेज का गंदा पानी मिलने के कारण भागीरथपुरा क्षेत्र में उल्टी-दस्त का प्रकोप फैला।
इस बीच, जिलाधिकारी शिवम वर्मा ने कहा कि चिकित्सकों ने भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पेयजल के कारण डायरिया के प्रकोप से चार लोगों की मौत की पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि इस बीमारी के 149 मरीज शहर के 27 अस्पतालों में भर्ती हैं जिनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी पीने से बीमार होने के बाद हफ्ते भर में छह महिलाओं समेत कम से कम आठ लोग दम तोड़ चुके हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर अफसोस जताया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने और सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाए जाने की घोषणा की है।
प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद भागीरथपुरा में नगर निगम के एक जोनल अधिकारी और एक सहायक इंजीनियर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और एक प्रभारी सब इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
अधिकारी ने बताया कि दूषित पेयजल कांड की जांच के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति गठित की गई है।
नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने बताया कि भागीरथपुरा में जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन में उस जगह लीकेज मिला है जिसके ऊपर एक शौचालय बना है। उन्होंने कहा कि संभवतः इस लीकेज के कारण ही पेयजल दूषित हुआ।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने आरोप लगाया कि प्रशासन दूषित पेयजल कांड में अपनी जानलेवा लापरवाही पर परदा डालने के लिए मृतकों का वास्तविक आंकड़ा छिपा रहा है।
उन्होंने कहा,’दूषित पेयजल कांड ने देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की छवि पर बदनुमा दाग लगा दिया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज लीपापोती की जा रही है।’
भाषा हर्ष
मनीषा
मनीषा

Facebook



