इंदौर: Street Dog Complaint प्रदेश के कई शहरों में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ते ही जा रहा है। आए दिन आवारा कुत्ते मासूम, बड़े और बुजुर्गों को अपना शिकार बना रहे हैं। हालांकि स्थानीय प्रशासन ये दावा करते आई है कि हम आवारा कुत्तों के आतंक को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, बावजूद इसके आतंक खत्म नहीं हो रहा है। वहीं, अब हाईकोर्ट ने फैसला लिया है कि खुद अब इसकी निगरानी करेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने निगम प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा है कि 156 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
Street Dog Complaint मिली जानकारी के अनुसार इंदौर हाईकोर्ट में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए वंदना जैन की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी। वंदना जैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम इस बारे में विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी करेंगे। नगर निगम की तरफ से एडवोकेट कमल एरन ने पैरवी की। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने नगर निगम और शासन से याचिका में जवाब मांगा था। सोमवार को नगर निगम के वकील ने जवाब के लिए समय मांगा तो कोर्ट ने कहा कि यह समस्या इतनी गंभीर है कि इसका निराकरण जरूरी है। हम जवाब के लिए समय देने के बजाय दिशा-निर्देश ही जारी कर देते हैं।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका वंदना जैन ने दायर की थी। याचिका में कहा था कि इंदौर में शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा जहां कुत्तों का आतंक न हो। शहर में कुत्तों के काटने के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, बावजूद इसके इनकी संख्या कम नहीं हुई। इंदौर में सिर्फ शासकीय हुकमचंद पाली क्लीनिक पर ही एंटी रैबीज टीका लगाने की व्यवस्था है, जबकि नियमानुसार हर शासकीय अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाने की व्यवस्था होना चाहिए।