Mahu Death Case Clash : इस इलाके में लागू हुआ धारा 144, आदिवासियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद लिया गया बड़ा फैसला

Section 144 was implemented in this area

Mahu Death Case Clash : इस इलाके में लागू हुआ धारा 144, आदिवासियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद लिया गया बड़ा फैसला

Section 144 imposed in Mhow area after clash between tribals and police

Modified Date: March 16, 2023 / 11:47 am IST
Published Date: March 16, 2023 11:46 am IST

महू। इंदौर के पास महू के बड़गोंदा थाना क्षेत्र में बुधवार को एक आदिवासी समाज की युवती की मौत हो गई। इसके बाद रात करीब 8 बजे परिजन युवती का शव लेकर डोंगरगांव चौकी पहुंचे और शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम किया। इसके बाद यह मामला और गंभीर होता गया। आदिवासी युवा आक्रोशित थे और पुलिस पर लगातार दबाव बना रहे थे। पुलिस और प्रशासन के साथ बातचीत के दौरान आदिवासी समाज का गुस्सा काफी बढ़ गया और उन्होंने आरोपी को अपने हवाले करने की जिद की। मामला इतना बढ़ गया कि आदिवासी युवाओं ने पुलिस थाने पर पथराव किया। जवाब में पुलिस ने भीड़ को तीतर बितर करने के लिए थी लाठी चार्च कर आंसू गैस के गोले छोड़े तथा हवाई फायर की। इस झड़प में आदिवासी युवा और पुलिस दोनों ही घायल हुए हैं।

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बडगौंदा थाने पर आदिवासी नागरिक लगातार इकट्ठा हो रहे थे और पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने का दबाव बना रहे थे। इसके बाद पुलिस ने इस पर हामी भर दी और एफआईआर दर्ज होने की बात पर समाजजन सड़क से हटे और थाने के सामने खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। मृतका के पडोसी शिवराम के अनुसार कविता किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करती थी, लेकिन बुधवार को उसके मरने की खबर लगी तो महू सिविल अस्पताल पहुंचे। यहां पर पता चला कि कविता गवली पलासिया निवासी यदुनंदन पाटीदार के घर थी, जहां पर उसकी मौत हुई। परिजनों ने आरोप लगाया कि युवक कविता का अपहरण कर लाया और उसके साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई है।

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IBC24 को पुलिस से मिली सूचना के अनुसार यदुनंद ने बताया कि कविता को उसकी पत्नी बताया है। जिससे वह शादी करके उसके साथ रह रहा था और बुधवार को पानी गर्म करते समय उसे करंट लगा और उसकी मौत हो गई। वहीं पुलिस ने मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। जिसमें आदिवासी नागरिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उस समय यदुनंदन पाटीदार थाने के अंदर मौजूद था। आदिवासी समाज  जान के बदले जान के नारे लगाने लगे और मांग करने लगे कि पाटीदार को उनके हवाले कर दिया जाए। इसके बाद पुलिस ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो पुलिस ने सख्ती बरतते हुए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़ दिया, जिससे भीड़ तितर-बितर हो गई।

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गौरतलब है की इस पुरे मामले में जहा एक तरफ बड़गोंदा थाना प्रभारी सहित आठ से दस पुलिस कर्मी घायल हुए है तो वहीं आदिवासीयो में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई है और कुछ अन्य घायल होने की भी सुचना है। जिसके बाद से ही इंदौर ग्रामीण ऐस पी सहित पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी सभी मौके पर पहुंच कर मामले पर नजर बनाये हुवे है। भारी तादाद में पुलिस बल भी तैनात है, जो नगरानी बनाये हुवे हैं। इधर इंदौर कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्र में धारा 144 लगा दी है। सूत्रों की माने तो यह मामला एक विशाल रूप ले सकता है।

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