शह मात The Big Debate: ‘दर्द-ए-वनवास’ की दवा क्या है? क्या पटवारी को अध्यक्ष पद रास नहीं आ रहा?

MP News: 'दर्द-ए-वनवास' की दवा क्या है? क्या पटवारी को अध्यक्ष पद रास नहीं आ रहा?

शह मात The Big Debate: ‘दर्द-ए-वनवास’ की दवा क्या है? क्या पटवारी को अध्यक्ष पद रास नहीं आ रहा?

MP News | Photo Credit: IBC24

Modified Date: December 30, 2025 / 11:38 pm IST
Published Date: December 30, 2025 11:37 pm IST
HIGHLIGHTS
  • जीतू पटवारी के "वनवास" बयान से एमपी कांग्रेस में हलचल
  • वरिष्ठ नेताओं ने पटवारी के नेतृत्व पर सवाल उठाए
  • मिशन 2028 से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह सुर्खियों में

भोपाल: MP News मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी कांग्रेस की कप्तानी करते इन्हें भी 2 बरस पूरे हो गए हैं, लेकिन ये खुद को लाचार साबित कर रहे हैं। वो भी ये कहकर कि- मैं खुद वनवास भोग रहा हूं, तो सवाल ये उठता है कि पटवारी आखिर ऐसा क्यों कह रहे हैं। क्या दिग्विजय सिंह वो वजह हैं जिनके बयानों और एमपी कांग्रेस की राजनीति में दखलंदाजी ही पटवारी पर भारी पड़ रही है या फिर वो लोग जो हैं तो पटवारी की टीम मे ही लेकिन उन्हें पसंद नहीं कर रहे? क्योंकि कमलेश्वर पटेल,अजय सिंह,उमंग सिंघार,अरुण यादव,सज्जन सिंह वर्मा,डॉ गोविंद सिंह सरीखे नेता कई बार जीतू पटवारी को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं। पटवारी की नीयत पर सवाल खड़े कर चुके हैं।

MP News पटवारी के हालात देखकर यही लगता है पटवारी कांग्रेस की कप्तानी करने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। चाहे कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मुकेश नायक का पहले सोशल मीडिया के जरिए इस्तीफा देना हो। याकि मानमनौव्वल के बाद उनकी वापसी हो। कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी घोषित ना कर पाना और कांग्रेस के 3 जिलाध्यक्षों के इस्तीफे हों। जीतू के नेतृत्व को उनके मातहत ही चुनौती दे रहे हैं। वहीं दिग्विजय सिंह की पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी और महासचिव निधि चतुर्वेदी की दिग्गी की खिलाफत हर मामले में कांग्रेस की किरकिरी हो रही है।

इस बीच जीतू के वनवास वाले बयान पर एमपी में सियासत तेज हो गई। बीजेपी कह रही है कि जीतू खुद से राम की तुलना ना करें, तो कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि पटवारी अकेले वनवास नहीं भोग रहे हैं। पूरी पार्टी ही सत्ता का वनवास भोग रही है।

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कुलमिलाकर जिस वक्त कांग्रेस को मिशन 2028 के लिए कमर कसने की तैयारी करनी थी। उस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ही बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं, ऐसे में सवाल ये है कि- अगर जीतू अध्यक्ष रहते ही वनवास भुगत रहे हैं, तो क्या कांग्रेस सत्ता का वनवास खत्म कर पाएगी?सवाल ये भी कि-क्या पटवारी के नेतृत्व की पार्टी में ही स्वीकार्यता नहीं है? सवाल ये कि ये अंतर्कलह कांग्रेस की लुटिया तो नहीं डुबो देगी?

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