Publish Date - June 19, 2025 / 05:21 PM IST,
Updated On - June 19, 2025 / 05:21 PM IST
Jabalpur News | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
जबलपुर में धर्मांतरण की कोशिश,
परशुराम बस्ती की महिला ने दर्ज कराई एफआईआर,
बीमारी से ठीक होने का झांसा देकर धर्मांतरण की कोशिश,
जबलपुर: Jabalpur News: प्रदेश में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों के बीच जबलपुर से एक नया मामला सामने आया है जिसने स्थानीय लोगों में चिंता की लहर दौड़ा दी है। रांझी थाना क्षेत्र स्थित परशुराम बस्ती में एक हिंदू महिला को बीमारी से ठीक होने का झांसा देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की गई।
Jabalpur News: पीड़िता नीतू रैकवार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कुछ समय पहले वह बीमार चल रही थीं। इसी दौरान मनोज, विनोद, राजीव और एक अन्य व्यक्ति जो अब हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई बन चुके हैं उनके घर पहुंचे और उन्हें ईसाई धर्म अपनाने पर चमत्कारी रूप से बीमारी से छुटकारा मिलने का दावा किया।आरोपियों ने महिला को दो हजार रुपये भी दिए और उसके पूजास्थल पर ईसा मसीह की तस्वीर लगाकर ईसाई रीति-रिवाज़ों के पालन का दबाव बनाया। हालांकि नीतू रैकवार ने हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करना जारी रखा जिससे कथित आरोपी नाराज़ हो गए।
Jabalpur News: महिला के अनुसार कुछ दिनों बाद आरोपी फिर उसके घर आए और उसे धमकाने लगे। उन्होंने नीतू के हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करने पर आपत्ति जताई और विवाद खड़ा कर दिया। इस पूरी घटना से परेशान होकर पीड़िता ने रांझी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले में मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत चारों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। जांच जारी है और पुलिस का कहना है कि मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जबलपुर के रांझी थाना क्षेत्र में एक महिला नीतू रैकवार ने आरोप लगाया है कि उसे बीमारी से ठीक होने का झांसा देकर जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा गया। महिला ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
क्या "धर्मांतरण जबरदस्ती" की पुष्टि हुई है?
पीड़िता के अनुसार आरोपियों ने उसे पैसे दिए, ईसा मसीह की तस्वीर जबरन पूजास्थल पर लगवाई और ईसाई रीति-रिवाजों को मानने का दबाव डाला। पुलिस ने मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच जारी है।
"मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम" के तहत क्या कार्रवाई होती है?
इस अधिनियम के तहत अगर किसी व्यक्ति को धोखे, लालच, दबाव या धमकी देकर धर्म परिवर्तन करवाने की कोशिश की जाती है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। इसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
"जबलपुर धर्मांतरण की सजा" क्या हो सकती है?
अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर संबंधित आरोपियों को जेल और आर्थिक दंड दोनों हो सकते हैं। यह सजा अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है।
क्या "जबलपुर में जबरन धर्म परिवर्तन" के और मामले भी सामने आए हैं?
हाल के दिनों में जबलपुर और मध्यप्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी इस तरह के कुछ मामले सामने आए हैं, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ी है और प्रशासन भी सतर्क हुआ है।