Maithili Thakur Bihar Election: लोक गायिका मैथिलि ठाकुर के पिता ने बताया क्यों छोड़ा था बिहार.. इस पूर्व मुख्यमंत्री को बताया लोगों के पलायन के लिए जिम्मेदार
मैथिली ठाकुर का जन्म बिहार के मधुबनी जिले में बेनीपट्टी में हुआ था। वह एक मैथिल संगीतकार और संगीत शिक्षक रमेश ठाकुर और भारती ठाकुर की बेटी हैं।
Maithili Thakur Bihar Election || Image- The Indian Express
- मैथिली ठाकुर चुनाव लड़ने को तैयार
- पिता ने पलायन का कारण बताया
- बेनीपट्टी से मिल सकता है टिकट
Maithili Thakur Bihar Election: जबलपुर: 25 साल की मशहूर लोक गायिका मैथिलि ठाकुर बिहार विधानसभा में किस्मत आजमा सकती है। बहुत मुमकिन है कि, भाजपा उन्हें अपना उम्मीदवार बनाये और गृहजिले के किसी सीट से टिकट दें। सम्भवतः आज मैथिलि ठाकुर भाजपा की प्राथमिक सदस्य्ता भी ग्रहण करने वाली है। इस तरह यह तय है कि आने वाले दिनों में मैथिलि चुनावी प्रचार करती नजर आये। मैथिलि ने पीएम मोदी को अपना आदर्श बताते हुए कहा है कि, उन्हें ही देखकर राजनीति में उतरने की प्रेरणा मिली है। मैथिलि ठाकुर मूलतः बिहार की रहने वाली है लेकिन दशकों पहले उनके परिवार ने बिहार से पलायन कर लिया था। हालांकि अब मैथिलि अपने परिवार के साथ बिहार वापस लौटना चाहती है।
लालू के राज में हुए ब्राह्मणों पर हमले
इस पूरे खबर के बीच मैथिलि ठाकुर के पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए बिहार छोड़ने की वजह को उजागर किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से हुई बातचीत में रमेश ठाकुर ने कहा कि, जब बिहार से पलायन की शुरुआत हुई थी तो वह पहले बैच के पलायनकर्ता है। इसके बाद वह आज भी वापस नहीं लौट पाए है। बिहार में फैले जातीय उन्माद को उन्होंने पलायन की वजह बताई है। वह पिछले तीन दशक से बाहर है। 1995 में उन्होंने बिहार छोड़ दिया था। संगीत उनका पेशा था तो उन्होंने यही काम अपनाया और अपने आप भी स्थाई किया।
रमेश ठाकुर ने बताया कि, पहले हालत सही थे लेकिन लालू यादव के सत्ता में आने के बाद स्थिति बिगड़ने लगी। लालू यादव के सत्ता में आने के बाद ब्राह्मणों पर हमले होने लगे थे। खेतों को काटा जाने लगा, उनपर कब्जा होने लगा। इन्ही वजहों से वे भी बिहार से भाग गए।
मैथिलि ठाकुर के पिता ने कहा कि, बिहार से पलायन करने वालो की सुध लेने वाला भी तक कोई भी नहीं है। वे चाहते है कि, बिहार के लोग फिर से राज्य में लौटे और यहां काम करें। रमेश ठाकुर ने दावा किया कि, 1995 से शुरू हुआ पलायन अभी भी जारी है। एनडीए की सरकार आने से बिहार में विकास हुआ है और अब स्थीयति अच्छी हुई है।
मैथिली ठाकुर के पिता का लालू प्रसाद यादव पर बड़ा आरोप….. सभी ब्राह्मणों पर हमला होने लगा,खेत काटने लगे,इसलिए हम बिहार से भाग चले।
मुझे लगता है इनकी बातों से उनके गांव मोहल्ला के लोग भी सहमत नहीं होंगे,क्योंकि इनका खुद का इमेज गांव में बहुत गलत है।
इनका यह बयान अभी क्यों आया… pic.twitter.com/nTbwSJuxXs— The Bihar (@thebiharoffice) October 7, 2025
मैथिलि ठाकुर लड़ेगी विधानसभा चुनाव?
Maithili Thakur Bihar Election: बता दें कि, पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं से मुलाकात के बाद लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने मंगलवार को अपने गृह क्षेत्र बेनीपट्टी से बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। नर्मदा महोत्सव में प्रस्तुति देने जबलपुर आईं मैथिली ने कहा कि उनका उनके गृह क्षेत्र से अलग ही जुड़ाव है और अगर वह अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत वहां से करेंगी तो वह बहुत कुछ सीख सकेंगी।
भाजपा नेताओं से की थी मुलाकात
मैथिली ने पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के संगठन प्रभारी विनोद तावडे और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की थी। इसके बाद से उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। पसंद के विधानसभा चुनाव क्षेत्र के बारे में पूछे जाने पर मैथिली ने पत्रकारों से कहा, ‘‘इस बारे में अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन मैं अपने गांव के क्षेत्र जाना चाहूंगी क्योंकि वहां से एक अलग जुड़ाव है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वहां से शुरू हो तो मुझे सीखने का भी मौका मिलेगा। लोगों से मिलना-जुलना, लोगों से बातें करना। मुझे ज्यादा समझ में आएगा अगर मैं अपने गांव से शुरुआत करूं तो।’’
कौन है मैथिलि ठाकुर?
मैथिली ठाकुर का जन्म बिहार के मधुबनी जिले में बेनीपट्टी में हुआ था। वह एक मैथिल संगीतकार और संगीत शिक्षक रमेश ठाकुर और भारती ठाकुर की बेटी हैं।
वर्तमान में बिहार विधानसभा में बेनीपट्टी का प्रतिनिधित्व भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा कर रहे हैं। अड़सठ वर्षीय झा ने 2020 में ब्राह्मण बाहुल्य वाली इस सीट पर कांग्रेस की भावना झा को तीस हजार से भी अधिक मतों से हराया था।
Maithili Thakur Bihar Election: बिहार विधानसभा के चुनाव से ही जुड़े एक अन्य सवाल पर मैथिली ने कहा कि वह देश के विकास के लिए, हरसंभव योगदान देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि तावड़े और राय से हुई मुलाकात के दौरान बिहार के भविष्य को लेकर उनकी बहुत सारी बातें हुईं। मैथिली ठाकुर इसी साल जुलाई में 25 साल की हुई हैं। साल 2011 में महज 11 वर्ष की उम्र में मैथिली ने गीत-संगीत के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई और तब से वह इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।
READ ALSO: आज किस राशि पर बरसेगा गणेश जी का आशीर्वाद, किसका शुरू होगा शुभ समय, जानें क्या कहते हैं आपके सितारें

Facebook



