GPF आवेदन पर तीन महीने तक घुमाया, फिर मांगी रिश्वत, जब रंगे हांथों पकड़ा तो सामने आई ये बात

Rotated for three months on GPF application then asked for bribe

GPF आवेदन पर तीन महीने तक घुमाया, फिर मांगी रिश्वत, जब रंगे हांथों पकड़ा तो सामने आई ये बात
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: October 12, 2022 9:38 pm IST

जबलपुर: मरीजों को बीमारियों से राहत देने वाले जिला अस्पताल विक्टोरिया के अंदर स्थापित स्वास्थ्य विभाग के लेखा शाखा को भ्रष्टाचार की बीमारी ने जकड़ रखा है। यही वजह है कि यहां के भ्रष्टाचारी एक-एक कर लोकायुक्त के शिकंजे में फंसते जा रहे हैं। भ्रष्टाचार के सबसे बड़े अड्डे के रूप में कुख्यात हो चुके स्वास्थ्य विभाग के अकाउंट सेक्शन पर बुधवार को एक बार फिर लोकायुक्त ने छापा मारा, यहां सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ नीरज मिश्रा ने अपने ही महकमे के एक नेत्र सहायक से 10000 की घूस की मांग की थी।

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दरअसल विभाग के शहपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नेत्र सहायक के रूप में पदस्थ विनोद कुमार आकोडकर ने जब जीपीएफ की राशि के लिए आवेदन दिया तो पहले तो नीरज मिश्रा उसे लगातार तीन महीनों तक टालता रहा और बाद में जीपीएफ की 6 लाख 78 हज़ार की रकम मिलने के बाद 10000 रुपये बतौर घूस देने की मांग की पैसा निकलने के बाद बुधवार को जैसे ही विनोद कुमार आकोडकर ने क्लर्क नीरज मिश्रा को घूस की आठ हजार रुपए की रकम दी तभी लोकायुक्त की टीम ने घूसखोर बाबू को रंगे हाथों दबोच लिया। गौरतलब है कि बीते 1 हफ्ते में यह लोकायुक्त की दूसरी कार्यवाही है जिसमे जिला अस्पताल में पदस्थ भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी को दबोचा गया है।

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