Reported By: Vikas Barman
,Labours Accident News/ Image Source : IBC24
Katni News कटनी : मध्य प्रदेश के कटनी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी लाड़ली लक्ष्मी योजना, जो बेटियों के भविष्य और शिक्षा को सुरक्षित बनाने के लिए चलाई जाती है, अब भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिर गई है। रिठी तहसील के एक पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी पात्र बेटी का हक छीनकर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से प्रभावशाली लोगों को योजना का लाभ दे दिया गया। शिकायत कलेक्ट्रेट और CM हेल्पलाइन में दर्ज होने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
Katni News ग्राम बाकल निवासी पीयूष जैन ने महिला एवं बाल विकास विभाग और पंचायत कर्मचारियों पर मिलीभगत से फर्जीवाड़ा करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनके मुताबिक ICDS परियोजना अधिकारी, रीठी, ग्राम पंचायत बाकल के रोज़गार सहायक दीपक दुबे और जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास कटनी ने आपस में मिलकर फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र तैयार करवाए और इन्हीं कागज़ों के आधार पर नई खेड़ा और जबेरा (दमोह सीमा) के प्रभावशाली लोगों को अवैध रूप से योजना का लाभ दिलाया।
Katni News पीड़ित का कहना है कि फर्जी कागज़ात योजना तक पहुंचाने में रोज़गार सहायक दीपक दुबे की भूमिका सबसे बड़ी रही। सबसे बड़ा आरोप यह है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 28 अक्टूबर 2022 को योजना का लाभ जारी कर दिया गया, लेकिन जब पीड़ित पिता ने रिकॉर्ड मांगा, तो उन्हें 28 मार्च 2023 का जन्म प्रमाण-पत्र दिखाया गया यानी लाभ मिलने के 5 महीने बाद का दस्तावेज़, जो इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना देता है।
पीयूष जैन का कहना है कि उनकी वास्तविक पात्र बेटी पावनी जैन को योजना से बाहर कर दिया गया, जो लाड़ली लक्ष्मी योजना की मूल भावना के साथ सीधा अन्याय है।पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत कलेक्ट्रेट , CM हेल्पलाइन ,CM पोर्टल पर कई बार दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।