Katni News: बेटी का हक छीनकर प्रभावशाली लोगों को दिया लाभ! लड़की के पिता ने मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

कटनी जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से योजना का लाभ प्रभावशाली लोगों को दिए जाने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। पीड़ित पिता का कहना है कि उनकी पात्र बेटी को योजना से बाहर किया गया, जबकि शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

  • Reported By: Vikas Barman

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  • Publish Date - November 27, 2025 / 11:01 PM IST,
    Updated On - November 27, 2025 / 11:07 PM IST

Labours Accident News/ Image Source : IBC24

HIGHLIGHTS
  • पीड़ित पिता ने योजना में फर्जीवाड़ा होने का आरोप लगाया।
  • ICDS अधिकारी और ग्राम पंचायत कर्मचारी कथित रूप से मिलीभगत में शामिल।
  • शिकायत दर्ज होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

Katni News कटनी : मध्य प्रदेश के कटनी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी लाड़ली लक्ष्मी योजना, जो बेटियों के भविष्य और शिक्षा को सुरक्षित बनाने के लिए चलाई जाती है, अब भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिर गई है। रिठी तहसील के एक पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी पात्र बेटी का हक छीनकर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से प्रभावशाली लोगों को योजना का लाभ दे दिया गया। शिकायत कलेक्ट्रेट और CM हेल्पलाइन में दर्ज होने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

फर्जी दस्तावेज़ों से चला पूरा खेल

Katni News ग्राम बाकल निवासी पीयूष जैन ने महिला एवं बाल विकास विभाग और पंचायत कर्मचारियों पर मिलीभगत से फर्जीवाड़ा करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनके मुताबिक ICDS परियोजना अधिकारी, रीठी, ग्राम पंचायत बाकल के रोज़गार सहायक दीपक दुबे और जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास कटनी ने आपस में मिलकर फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र तैयार करवाए और इन्हीं कागज़ों के आधार पर नई खेड़ा और जबेरा (दमोह सीमा) के प्रभावशाली लोगों को अवैध रूप से योजना का लाभ दिलाया।

रोजगार सहायक का सबसे बड़ा हाथ

Katni News पीड़ित का कहना है कि फर्जी कागज़ात योजना तक पहुंचाने में रोज़गार सहायक दीपक दुबे की भूमिका सबसे बड़ी रही। सबसे बड़ा आरोप यह है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 28 अक्टूबर 2022 को योजना का लाभ जारी कर दिया गया, लेकिन जब पीड़ित पिता ने रिकॉर्ड मांगा, तो उन्हें 28 मार्च 2023 का जन्म प्रमाण-पत्र दिखाया गया यानी लाभ मिलने के 5 महीने बाद का दस्तावेज़, जो इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना देता है।

पीयूष जैन का कहना है कि उनकी वास्तविक पात्र बेटी पावनी जैन को योजना से बाहर कर दिया गया, जो लाड़ली लक्ष्मी योजना की मूल भावना के साथ सीधा अन्याय है।पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत कलेक्ट्रेट , CM हेल्पलाइन ,CM पोर्टल पर कई बार दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

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लाड़ली लक्ष्मी योजना क्या है?

यह योजना बेटियों की शिक्षा और भविष्य सुरक्षित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जाती है।

फर्जी दस्तावेज़ किस प्रकार इस्तेमाल किए गए?

जन्म प्रमाण-पत्र और अन्य दस्तावेज़ बदलकर प्रभावशाली लोगों को योजना का लाभ दिया गया।

पीड़ित परिवार ने क्या कदम उठाए?

न्होंने कलेक्ट्रेट, CM हेल्पलाइन और CM पोर्टल पर कई बार शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।