Reported By: Shashikant Sharma
, Modified Date: February 24, 2024 / 07:35 PM IST, Published Date : February 24, 2024/7:35 pm ISTखरगोन। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, ये बात 21 वर्षीय युवक अमन कालरा ने साबित कर दिखाई। जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर बड़वाह विधानसभा के छोटे से बांसवा गांव में रहने वाले अमन ने दृष्टिहीन दिव्यांगों को पैदल चलने के दौरान होने वाली परेशानियां नागवार गुजरी। युवक के मन में आया क्यों ना ऐसा चश्मा तैयार किया जाए जिसके सहारे दृष्टिहीन दिव्यांग सामने आने वाले खतरे को पहले ही भांप ले और सचेत हो जाए। उन्हें किसी के सहारे की जरूरत ना पड़े और वह अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सके। ये सोच कर अमन ने जुगाड़ से एक ऐसा स्मार्ट चश्मा बनाया। इसकी सहायता से खतरा महसूस होने पर दृष्टिहीन को पहले ही संभालने का मौका मिल जाएगा।
इस चश्मे की खास बात ये है कि इसे लगाकर दृष्टिहीन व्यक्ति कहीं भी आ-जा सकते हैं। इसमें सेंसर लगा हुआ है। इसकी सहायता से सामने किसी भी प्रकार का कोई व्यवधान आता है तो उसमें लगे सेंसर से आवाज निकलने लगती है। जिससे दिव्यांग अपना रास्ता बदल लेता है। साथ ही रास्ते में अगर कोई गड्ढ़ा या कोई वाहन सामने आता है तो सेंसर से ट्वीट की आवाज आने लगेंगी जिससे दिव्यांगजन आसानी से सचेत होकर अपना रास्ता बदल सकता है। इस स्मार्ट चश्मे की 13 फ़ीट तक की दूरी कवर होती है। इससे आदमी को संभलने को मौका मिल सकता है। इसमें लगी बैटरी दस से पंद्रह घंटे तक चल सकती है।
बासवा गांव में एक छोटे से मकान में अपने मम्मी-पापा और बहन के साथ किराए से रहने वाले अमन कालरा ने पहले रोबोट बनाकर खरगोन के तत्कालीन कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा से पुरष्कार प्राप्त किया था। अब उसने दिव्यांगों के लिए स्मार्ट चश्मा बनाया है। जिससे दृष्टिहीन लोग लगाकर आसानी से चल फिर सकते हैं। अमन की माने तो दिव्यांगों के लिए तैयार किए गए स्मार्ट चश्मा में ज्यादा चीजों की आवश्यकता नहीं पड़ी और यह सस्ता भी है जुगाड़ से आर्ड्यूनो, अल्ट्रासोनिक सेंसर, बझर एवं बैटरी इसकी सहायता से चश्मे को तैयार किया है।
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