मप्र : छह ग्रामीणों की रहस्यमय मौत के बाद लकड़बग्घे की तलाश, सियार का शव मिला

मप्र : छह ग्रामीणों की रहस्यमय मौत के बाद लकड़बग्घे की तलाश, सियार का शव मिला

मप्र : छह ग्रामीणों की रहस्यमय मौत के बाद लकड़बग्घे की तलाश, सियार का शव मिला
Modified Date: June 4, 2025 / 11:16 pm IST
Published Date: June 4, 2025 11:16 pm IST

इंदौर/बड़वानी, चार जून (भाषा) मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में किसी अज्ञात जानवर के काटने के बाद छह ग्रामीणों की रहस्यमय हालात में मौत के बाद शुरू किए गए खोज अभियान के दौरान वन विभाग को बुधवार को सियार का शव मिला। इसके बाद विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि इस सियार ने ही ग्रामीणों पर हमला किया था।

सरकारी अधिकारियों ने बताया कि बड़वानी जिले के लिम्बई गांव और इसके आस-पास के इलाकों में पांच मई को तड़के अज्ञात जानवर ने 17 लोगों पर तब हमला किया, जब वे गर्मी के चलते अपने घरों के बाहर खुले में सो रहे थे।

उन्होंने बताया कि 23 मई से दो जून के बीच इनमें से छह लोगों की संदिग्ध तौर पर रेबीज से मौत हो चुकी है, जबकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जानवर के हमले की जद में आए सभी 17 ग्रामीणों को इस बीमारी से बचाव का इंजेक्शन लगाया गया था।

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बड़वानी के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) आशीष बंसोड़ ने संवाददाताओं को बताया कि खोज अभियान के दौरान लिम्बई गांव के पास सूखे कुएं में सियार का शव मिला है। उन्होंने बताया, ‘सियार का यह शव करीब 25 दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। इस वन्य जीव के पीछे के दोनों पैर रस्सी से बंधे थे।’

बंसोड़ के मुताबिक जानवर द्वारा ग्रामीणों पर हमले की घटना के बाद स्थानीय लोगों ने ‘डर या आक्रोश के कारण’ सियार को उसके पीछे के दोनों पैर बांधकर मार डाला और सूखे कुएं में फेंक दिया।

डीएफओ ने कहा कि इस सियार ने ही महीने भर पहले ग्रामीणों पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि हमले के शिकार लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से इस बात को बल मिलता है कि हमलावर जानवर सियार ही था।

बंसोड़ ने बताया,’सियार के शव को तय नियम-कायदों के तहत आग के हवाले करने से पहले हमने उसके बेजान शरीर से एक नमूना लिया है। इस नमूने को जांच के लिए जबलपुर के नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय भेजा जाएगा ताकि पता चल सके कि सियार रेबीज से संक्रमित था या नहीं।’

इससे पहले, ग्रामीणों ने वन विभाग को लिम्बई गांव के आस-पास लकड़बग्घा दिखाई देने की सूचना दी जिसके बाद खोज अभियान तेज कर दिया गया। विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में इस जंगली जानवर के संदिग्ध ‘पगमार्क’ (पैर के निशान) भी मिले हैं।

लिम्बई गांव से वन सीमा करीब 4.50 किलोमीटर दूर है।

इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जानवर के हमले के शिकार ग्रामीणों के परिजनों से फोन पर बात की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

खरगोन-बड़वानी लोकसभा क्षेत्र के सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेता लिम्बई गांव पहुंचे और उन्होंने पीड़ित लोगों के परिजनों से मुलाकात की।

पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री यादव ने पीड़ित लोगों के परिजनों से बात की और कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक परिस्थिति में उनके साथ खड़ी है और उनकी हरसंभव मदद करेगी।

राज्य सरकार ने जानवर के हमले में मारे गए छह लोगों के परिजनों को आठ-आठ लाख रुपये का मुआवजा दिया है।

बड़वानी की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. सुरेखा जमरे ने बताया,’जानवर के हमले के बाद बीमार हुए लोगों में शामिल 35 वर्षीय पुरुष जिला चिकित्सालय में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। बाकी लोगों की स्थिति फिलहाल ठीक है।’

सीएमएचओ ने बताया कि जानवर के काटने के बाद दम तोड़ने वाले एक व्यक्ति के मस्तिष्क के ऊतक और जीवित मरीजों की लार के नमूने रेबीज वायरस की जांच के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन (अधिष्ठाता) डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया,‘‘हमें पहली नजर में संदेह है कि बड़वानी जिले के छह लोगों की मौत रेबीज के कारण हुई है। इसकी पुष्टि के लिए एक अन्य मृतक के मस्तिष्क के ऊतक को जांच के लिए दिल्ली की एक प्रयोगशाला भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।’’

भाषा सं. हर्ष अमित

अमित


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