भोपाल, 29 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने पराली जलाने वाले किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता एक साल के लिए निलंबित करने को मंगलवार को मंजूरी दे दी।
मंत्रिमंडल ने यह फैसला भी किया कि ऐसे किसानों की उपज एक साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अनुसार नहीं खरीदी जाएगी।
राज्य के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘पराली जलाकर प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कदम उठा रही है, ताकि इस पर लगाम कसी जाए।’
उन्होंने कहा कि पराली जलाने वाले किसानों के लिए किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता को सरकार रोक देगी और उनकी उपज एक साल तक एमएसपी के अनुसार नहीं खरीदी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार किसानों को दंडित नहीं करना चाहती लेकिन हमारे किसान भाइयों को अपने छोटे लाभ के लिए बड़ा नुकसान नहीं उठाना चाहिए। क्योंकि पर्यावरण प्रभावित होने से उनके अपने बच्चे भी पीड़ित होंगे।’
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए यह फैसला जरूरी था।
मध्यप्रदेश सरकार किसानों को किसान सम्मान निधि के रूप में प्रति वर्ष 12,000 रुपये प्रदान करती है। इसमें से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6,000 रुपये दिए जाते हैं जबकि इतनी ही राशि राज्य सरकार भी किसानों के सम्मान में देती है।
विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक नयी स्थानांतरण नीति को भी मंजूरी दी।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में कई अन्य फैसले भी लिए गए, जिसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में पांच प्रतिशत की वृद्धि और इसे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाना शामिल है, जैसा कि पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की थी।
भाषा ब्रजेन्द्र जोहेब
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