भोपालः मध्यप्रदेश विधानसभा में 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया। बजट में आधी आबादी पर सरकार का फोकस रहा है। महिलाओं पर केंद्रित योजनाओं के लिए बजट में करीब सवा लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही यूथ और किसानों पर भी पूरा जोर रहा है। यानी कयास हकीकत में बदल गए हैं और मौजूदा सरकार ने अपना अंतिम बजट चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया है।
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मध्यप्रदेश की मौजूदा शिवराज सरकार ने अपना अंतिम बजट पेश किया तो इस पर चुनाव का असर भी बखूबी नजर आया। खासकर महिलाओं के लिए शिवराज सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। महिलाओं के लिए अलग-अलग योजनाओं में एक लाख 20 हजार 976 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। खासकर लाडली लक्ष्मी योजना को बीजेपी का बड़ा चुनावी दांव माना जा रहा है। इसके साथ ही किसानों और युवाओं के साथ हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ ऐलान किया गया।
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सदन में कांग्रेसी भी पूरे तेवर में दिखे। कांग्रेस विधायकों ने बजट भाषण का बहिष्कार कर वॉकआउट किया और गांधी प्रतिमा के सामने बैठ गए..हालांकि थोड़ी देर बार सदन में लौटे तो भी टोटा टाकी चलती रही। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये बजट चुनावी कलाकारी है। मध्यप्रदेश का बजट क्या वाकई चुनावी चाशनी में लिपटा हुआ है और यदि ऐसा है तो क्या चुनावी साल के बजट से सत्ता का टिकट भी मिलेगा ?