भोपाल, 13 अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को उद्यमिता को बढ़ावा देकर युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भ बनाने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
यादव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के उद्यमियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य उद्यमिता को प्रोत्साहित करके और युवाओं को सशक्त और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष को राज्य सरकार निवेश और रोजगार वर्ष के रूप में मना रही है। आज हम अपने युवाओं, उनके सपनों और उनके उज्ज्वल भविष्य में निवेश कर रहे हैं।’’
उन्होंने उद्यम क्रांति योजना (यूकेवाई) की सफलता को रेखांकित किया और कहा कि इसने हजारों युवाओं को बैंकों के सहयोग से अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद की है।
यादव ने कहा, ‘‘अब, हमारे युवा नौकरी तलाशने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूकेवाई के तहत 5,084 युवाओं को कुल 347 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण प्रदान किया जा रहा है।
एमएसएमई को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ करार हुए यादव ने कहा कि यह क्षेत्र देश के खजाने को फिर से भरता है, रोजगार के अवसर प्रदान करता है और आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘दिवाली से पहले इस मंच पर नए भारत के निर्माण की रोशनी फैली है।’’
यादव ने कहा कि आज का सम्मेलन कोई औद्योगिक आयोजन नहीं है, बल्कि एक नए भारत के लिए रोशनी के उत्सव की शुरुआत है।
इस अवसर पर यादव ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की योजना के तहत 700 एमएसएमई इकाइयों को 197 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन सहायता राशि वितरित की।
सरकार की नई स्टार्टअप नीति के तहत, मुख्यमंत्री ने एक योजना के तहत 63 स्टार्टअप को 1.20 लाख रुपये प्रति स्टार्टअप सालाना की दर से एक करोड़ रुपये से अधिक के चेक भी प्रदान किए।
यादव ने 237 एमएसएमई उद्यमियों को भूमि आवंटन पत्र भी प्रदान किए।
उन्होंने यूकेवाई के तहत 5,084 युवाओं को 347 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक ऋण सहायता भी वितरित की।
यादव ने सम्मेलन में उद्यमियों के साथ बातचीत की और उन्हें एमएसएमई क्षेत्र के विकास और बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज 700 एमएसएमई इकाइयों को 197 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन सहायता प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत में 80 करोड़ से अधिक लोग एमएसएमई से जुड़े हैं।
भाषा ब्रजेन्द्र धीरज
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