भोपाल, तीन जून (भाषा) मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से पिछले सप्ताह गिरफ्तार किये गये आईएसआईएस से जुड़े आतंकी मॉड्यूल के तीन कथित सदस्यों को स्थानीय अदालत ने शनिवार को 10 जून तक राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया है।
विशेष अभियोजक दीपेश जोशी ने बताया कि सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को एनआईए मामलों के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया के समक्ष पेश किया गया और एनआईए ने आगे की जांच की आवश्यकता का हवाला देते हुए उन्हें और एक सप्ताह के लिए हिरासत में देने का अनुरोध किया।
उन्होंने बताया, ‘अदालत ने हमारी याचिका स्वीकार कर ली और उन्हें 10 जून तक हिरासत में भेज दिया।’
मध्य प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के साथ एक संयुक्त अभियान में जबलपुर में 13 स्थानों पर छापेमारी के दौरान 27 मई को तीनों को गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि आदिल खान अगस्त 2022 से ही एजेंसी के राडार पर था।
केन्द्रीय एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एनआईए को पता चला कि वह और उसके सहयोगी आईएसआईएस के इशारे पर भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह मॉड्यूल स्थानीय मस्जिदों और घरों में बैठकें करता रहा है और देश में आतंक फैलाने की साजिश करता रहा है।’’
अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि तीनों आरोपी कट्टरपंथी हैं और हिंसक ‘‘जिहाद’’ को अंजाम देने के लिए आमादा थे।
उन्होंने कहा, ‘‘वे धन इकट्ठा करने, आईएसआईएस की प्रचार सामग्री का प्रसार करने, युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियार और गोला-बारूद खरीदने की कोशिश में लगे हुए थे।’’
अधिकारी ने कहा कि अली ने ‘फिसाबिलिल्लाह’ नाम से एक स्थानीय समूह बनाया था और उसी नाम से एक व्हाट्सएप समूह भी संचालित कर रहा था। उन्होंने कहा कि वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पिस्तौल खरीदने की कोशिश कर रहा था और इस उद्देश्य के लिए जबलपुर स्थित एक अवैध हथियार आपूर्तिकर्ता के संपर्क में था।
अधिकारी ने कहा कि खान युवाओं को आईएसआईएस में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए कई यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप ग्रुप आदि चला रहा था।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जांच में पता चला है कि शाहिद ने भारत में हिंसक हमलों के लिए पिस्तौल, विस्फोटक उपकरण और ग्रेनेड सहित हथियार खरीदने की भी योजना बनाई थी।’’
भाषा दिमो नोमान अर्पणा
अर्पणा
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