भोपाल। विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है..कार्यवाही तो 27 मार्च तक चलने वाली थी लेकिन इसे तय समय से पहले ही स्थागित कर दिया गया..इस सत्र के पहले दिन जारी हंगामा..आखिरी दिन तक चलता रहा.. अंतिम दिन प्रश्नकाल में महिला विधायक को एकदिन का सभापति बनाने को लेकर शुरू हुआ घमासान.. आस्था के अपमान तक पहुंच गया.. महिलाओं पर अत्याचार को लेकर रामचरित मानस की चौपाई पर सवाल उठाए गए और फिर दोनों पक्षों की ओर से संग्राम छिड़ गया।
मध्यप्रदेश विधानसभा में एक बार फिर धर्मयुद्ध की स्थिति बन गई। दरअसल, महिला दिवस मनाने के लिए स्पीकर गिरीश गौतम ने प्रश्नकाल में विधायक कृष्णा गौर को सभापति बनाया। इसके बाद शुरू को 6 सवाल महिलाओं से संबंधित लिए गए। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे श्यत्र नारी पूज्यते, रमंते तत्र देवताश् बताया। इस पर कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ ने रामचरित मानस की चौपाई का जिक्र करते हुए प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार के आरोप लगाए। बस फिर क्या था, दोनों पक्षों की ओर से बयानों के तीर चलने शुरू हो गए।
महिलाओं के सम्मान से शुरू हुआ ये मुद्दा.. महिलाओं पर अत्याचार और फिर आस्था के अपमान तक पहुंच गया। जानकारों की मानें तो चुनावी साल में ऐसे मुद्दे बार-बार उछाले जाते रहेंगे। लेकिन हिंदू सेंटिमेंट्स की पॉलिटिक्स करने वाली बीजेपी के लिए ये एक आसान पिच है और कांग्रेस यहां हिट विकेट हो सकती है।
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