Ban on chaat & golgappa: अब नहीं खा पाएंगे शहर में कहीं भी चाट और गोल गप्पे, प्रशासन ने इस वजह से जारी किया आदेश…जानें
Ban on chaat & golgappa Now you will not be able to eat chaat and gol gappas anywhere in the city, because of this the administration अब नहीं खा पाएंगे शहर में कहीं भी चाट और गोल गप्पे, प्रशासन ने इस वजह से जारी किया आदेश
Golgappa And Chat Ban
Ban on chaat & golgappa मंडला: मंडला जिले से लेकर चिरईडोंगरी क्षेत्र तक में गोलगप्पे (फुल्की) ने हाहाकार मचा दिया है।जिसके बाद जिले में चाट – फुल्की विक्रय करना प्रतिबंधित हो गया है।यह प्रतिबंध जांच पूरी होने तक रहेगा।यह आदेश फुल्की खाने से 115 से अधिक लोगों के फूड प्वाइजनिंग का शिकार होने के बाद अपर कलेक्टर मंडला ने जारी किया है। दरअसल मंडला जिला मुख्यालय और नारायणगंज विकासखंड के चिरईडोंगरी क्षेत्र के मंगलगंज, कोंड्रा, सहजनी, लालपुर, भावल सहित अन्य गांवों में गोलगप्पे (फुल्की) खाने से करीब 115 लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए है। जिसमें गर्भवती महिलाओं सहित बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं।
Ban on chaat & golgappa इसमें 1 बच्चा गंभीर अवस्था में है। जिसे जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया है। घटना के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाई और फुल्की खाने से बीमार हुए लोगों के बताए अनुसार फुल्की बनाने वालों की सर्चिंग की गई। जिसमें पाया गया कि रिलाईंस पेट्रोल पंप के पीछे हीरालाल की जमीन में लगभग 15-20 वर्षों से 6-7 परिवार रहते हैं। जो मूलरूप से जालौन उरई उत्तरप्रदेश के निवासी हैं…ये लोग पूरे जिले में भ्रमण कर फुल्की, आईस्क्रीम के मौसमी व्यवसाय करते हैं। इस बीच इस समय ये लोग अभी फुल्की का विक्रय कर रहे थे।
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Ban on chaat & golgappa जिसमें ये खटाई के लिए साईट्रिक एसिड का उपयोग करते थे। जिससे ये सभी लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए हैं।इसी सब बातो को ध्यान में देखते हुए प्रशासन ने फुल्की विक्रय करने वाले, और इनके मकान मालिक पर मामला दर्ज किया है। साथ ही ये वासूदेव किराना से समान लेते थे। उसक दुकान को भी शील कर दिया है।
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