IBC24 Janjatiya Pragya: उज्ज्वला योजना से क्या बड़े बदलाव देखने को मिले? IBC24 के मंच में मंत्री गोविंद सिंह ने कही ये बात

IBC24 Janjatiya Pragya: उज्ज्वला योजना से क्या बड़े बदलाव देखने को मिले? IBC24 के मंच में मंत्री गोविंद सिंह ने कही ये बात

IBC24 Janjatiya Pragya: उज्ज्वला योजना से क्या बड़े बदलाव देखने को मिले? IBC24 के मंच में मंत्री गोविंद सिंह ने कही ये बात

IBC24 Janjatiya Pragya

Modified Date: December 2, 2025 / 11:53 pm IST
Published Date: December 2, 2025 11:14 pm IST

भोपाल: IBC24 Janjatiya Pragya मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर IBC24 द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम “जनजातीय प्रज्ञा” का आगाज़ हो चुका है। इस महत्वपूर्ण मंच पर राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं, अब तक की उपलब्धियों, और आगे की कार्ययोजना पर विस्तृत संवाद किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में संगठन के शिल्पी सेगमेंट अंतर्गत मंत्री गोविंद सिंह राजपूत शामिल हुए। उन्होंने सरकार के कामों को लेकर IBC24 की ओर से किए गए सवालों का जवाब दिया।

कैसी चल रही है उज्जवला योजना?

ये ऐसी योजना है इसमें प्रधानमंत्री जी का बहुत बड़ा सोच रहा और उन्होंने लाडली बहनों के लिए तो हमारी मध्य प्रदेश योजना पहले लागू थी। हमने सभी लाडली बहनों के लिए उज्जवला योजना से जोड़ दिया। करीब मध्य प्रदेश में 29 लाख लाडली बहने हैं जिनको हम उज्ज्वला योजना का लाभ दे रहे हैं। इसके साथ-साथ अभी हम लोगों ने हमारे विभाग में आता है। यह पाइप लाइन के द्वारा गैस पहुंचाने की व्यवस्था भी हम लोग कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के अनेक शहरों में पाइप लाइन से गैस पहुंचाएंगे। के जैसे महानगरों में होती है। आप देखते हैं दिल्ली मुंबई में कि गैस पर अह मैक्सिमम मैक्सिमम घर पे पहुंच जाती है पाइप लाइन के द्वारा। तो पाइप लाइन के द्वारा गैस लाने की व्यवस्था भी हम कर रहे हैं और कई जगह ग्वालियर, भोपाल, इंदौर में तो करीब-करीब बहुत ज्यादा हम कई मोहल्ले कवर किए हैं। सागर जैसे शहर में भी पहुंच रहे हैं। इसके बाद में हम कस्बों में भी जाएंगे। नगर पालिका नगर पंचायत क्षेत्र में भी जाएंगे। तो यह हमारा अभियान चल रहा है। तो उज्ज्वला के द्वारा हम एक तरफ घरों को जोड़ रहे हैं। एक तरफ महिलाओं को जोड़ रहे हैं। और एक तरफ इसका हम पाइप लाइन के द्वारा गैस पहुंचाना काम भी करवा रहे हैं।

कोई अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा लोगों को?

इसके ही बराबर शुल्क लगेगा। जितना गैस का अभी वो थर्मामीटर तय होगा। लेकिन बहुत ज्यादा शुल्क नहीं होगा। जितना हम लोग गैस में देते हैं टैंक में उतना अच्छे के आसपास ही अब उसका रेश्यो तय करेंगे क्योंकि वो प्राइवेट है। हमने दिया है प्राइवेट लोगों के लिए अनेक कंपनियां काम कर रही हैं। उन कंपनियां अपना जब पूरा शहर का डिस्ट्रीब्यूशन पूरा हो जाएगा तो वो तय कर लेंगे अपना कितना-कितना लेना है। लेकिन हम लोग कोशिश है कि ज्यादा पैसा ना लिया जाए। कम पैसे में उनको सुविधा हो जाए।

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कितना एरिया कवर अभी तक के हो गया है और क्या कोई टारगेट है दिमाग में?

पहले नगर निगम फिर नगर पालिकाएं उसके बाद नगर पंचायत महानगर शहर करने के बाद फिर हम गांव की तरफ बढ़ेंगे समय लगेगा लेकिन हमारा सोचना यह है कि अभी हम कम से कम 25 30% काम कर चुके हैं, आधे से ज्यादा काम हम कर लेंगे ये हमारा सोचना है।

राशन के लिए बनाई ये योजना

ये समस्या पूरे देश में थी। हर प्रदेश का मजदूर बाहर काम करने जाता है। हमारे यहां का गुजरात जाता है। कई जगह जाता है मजदूर काम करने के लिए और पहले अगर मजदूर बाहर गया तो उसका जो राशन कार्ड है वो कहीं काम नहीं आता था पर प्रधानमंत्री जी ने इसमें बहुत वर्क किया। भारत सरकार ने भी बहुत किया और पूरे देश में हमारे प्रदेश में भी हम लोगों ने वन नेशन वन कार्ड लागू कर दिया। तो वन नेशन वन कार्ड में हमारे यहां जो कार्ड बनता है वह कार्ड पूरे देश में कहीं भी चला जाए वह कार्ड दिखाएगा उसको पर्याप्त राशन की व्यवस्था हो जाएगी। तो ये ऐसा कदम है इसमें अब मजदूरों को पलायन करने का जो करता भी है कहीं जाता भी है काम करने जाता है। रोजा की दृष्टि से जाता है तो उसके लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा।

ये पात्रता पर्ची यही है क्या?

पात्रता पर्ची अलग होती है। तो ये इस पर कुछ शिकायतें पात्रता पर्ची तो बहुत बड़ा पात्रता पर्ची भी आप लोग कभी गांव जाते होंगे। पात्रता पर्ची तो बहुत सारी बनी है पर्याप्त पात्रा में। आज भी कई जगह लोग रह गए हैं थोड़े से लोग। तो जब भी हम लोग जाते हैं कोई बड़ा नेता जाए, छोटा नेता जाए तो गांव का आदमी कहता है कि हमारी राशन पात्रता पर्ची नहीं बनी। इसके लिए कई बार पुरानी सरकार ने शिवराज सिंह जी की सरकार ने, हमारे डॉ.
मोहन यादव जी की सरकार ने कई बार कैंप लगाए कि भाई आप गांव में जाइए, गांव में आपकी राशन पर्ची बन जाएगी। आपका आयुष्मान कार्ड ही बन जाएगा। सबको सुविधा देते हैं। लेकिन पर कई लोग नहीं आ पाते। कई के नहीं बन पाते। तो अभी इसमें पात्रता पर्ची का सिस्टम है कि अगर नाम कटेगा तो जुड़ेगा।

अगर पर्याप्त मात्रा में खा पूरे भारत में इतनी पात्रता पर्ची बन चुकी हैं। कोटा पूरा हो गया है। एक्सेस है ज्यादा है। तो हम लोगों ने एक नया कार्यक्रम चलाया केवाईसी कराने का। जी और जैसे बहुत से लोग मध्य प्रदेश से बाहर चले गए हैं। घर में 10 लोग हैं वो नाम जुड़े हुए हैं। कई लोग मृत हो गए हैं। कई के फर्जी नाम जुड़े हैं। यह मतलब सर वाला इफेक्ट है। इसका हमने हमारे विभाग ने बहुत बड़ा चैलेंज वाला काम किया। हमने सर्वे कराया। और सर्वे कराने के बाद आप समझिए कम से कम काफी नाम हमने काटे और आज इस स्थिति में हम हैं कि हमने डेढ़ करोड़ों करीब केवाईसी कराई और 20 लाख नाम हम नए पात्रता पर्ची में जोड़ चुके हैं। ये बड़ा फिक्र होता है। इसके बावजूद भी कहीं रह गए तो हमने अभी विंडो में गुंजाइश बनाई है कि हम अभी 10 लाख नाम और जोड़ सकते हैं। तो यह नाम हम लोग लगातार जोड़ रहे हैं। आम आदमी परेशान ना हो यह हमारा सोचना है और इसीलिए हमने केवाईसी का काम शुरू किया।

पूरे प्रदेश में काम हो रहा है। हल्लाग्ला कहीं नहीं हो रहा है। कलेक्टरों को टारगेट दिया था कि आपको करना है। क्योंकि आदमी आम आदमी कोई भी व्यक्ति अपना नाम कटवाना नहीं चाहता। लेकिन नाम हमने काटे लोगों को समझाया और उसके बाद काफी सफलता मिली। तो 20 लाख नाम नए जोड़ने में हम सक्षम हुए।


लेखक के बारे में

IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।