Good signs related to environment are coming from Chambal river

Morena News: चंबल नदी से मिल रहे पर्यावरण से जुड़े अच्छे संकेत, तेजी से बढ़ रहे इन जीवों के आकड़े

चंबल नदी से मिल रहे पर्यावरण से जुड़े अच्छे संकेत, तेजी से बढ़ रहे इन जीवों के आकड़े Good signs related to environment are coming from Chambal river

Edited By :   Modified Date:  March 27, 2023 / 07:54 PM IST, Published Date : March 27, 2023/7:52 pm IST

मुरैना। इस बार चंबल नदी के जलीय जीवों की सर्वे में जो आंकड़े सामने आए हैं, उसमें घडिय़ाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन और इंडियन स्किमर का कुनबा बढ़ गया है। पर्यावरण से जुड़े अच्छे संकेत चंबल नदी से मिल रहे हैं। फरवरी में चंबल घड़ियाल अभयारण्य में हुई जलीय जीवों की गणना के परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। नदी में डाल्फिन बढ़कर 96 हो गई हैं, पिछली गणना में यहां 71 डाल्फिन मिली थीं। एक वर्ष में डाल्फिन की संख्या में इतनी बड़ी वृद्धि (25) पहले कभी नहीं देखी गई।

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वर्ष 2021 के मानसून सीजन में चंबल में आई भीषण बाढ़ में सैकड़ों जलीय जीवों पर बुरा असर पड़ा था,इसका असर वर्ष 2022 की गणना में देखा गया था,डाल्फिन, घड़ियाल और मगरमच्छ की संख्या वर्ष 2021 के मुकाबले कम हो गई थी लेकिन इस साल हुई गणना में इनकी संख्या बढ़ी है,घड़ियालों के कुनबे में 94 सदस्य बढ़े हैं,मगरमच्छों की संख्या भी बढ़ी है। वीओ – वन विभाग द्वारा हर साल फरवरी महीने में जलीय जीवों की सर्वे कराई जाती है। इस बार भी सर्वे हुई। उसमें जलीय जीवों की बढ़त आई है,जिसमें घडिय़ाल 94, मगरमच्छ दस, डॉल्फिन 25 और इंडियन स्किमर 163 बढ़े हैं,चंबल नदी का जल स्वच्छ है इसलिए जलीय जीवों का इसमें डेरा रहता है।

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खासकर घडिय़ालों के लिए पहचानी जाने वाली चंबल नदी इस बार इंडियन स्किमर को भी अधिक पसंद आई है,भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून (डब्ल्यूआइआइ) के जलीय जीव विशेषज्ञ, घड़ियाल अभयारण्य के कर्मचारी और शोधकर्ताओं की टीम ने गणना (सर्वे) की। चंबल घड़ियाल अभयारण्य में श्योपुर में 60 किमी लंबी पार्वती नदी के अलावा श्योपुर-मुरैना-भिंड जिले की सीमा में 435 किमी लंबी चंबल नदी का क्षेत्र आता है। गणना 24 दिन तक चली। घड़ियालों की संख्या बीते साल की तुलना में 2014 से बढ़कर 2108 हो गई है, वहीं मगरमच्छ भी 873 से बढ़कर 878 हो गए हैं। घड़ियालों की उपस्थिति पानी के स्वच्छ होने का प्रतीक मानी जाती है। चंबल नदी का पानी स्वच्छ होने के कारण इसे घड़ियालों के लिए सबसे बेहतर मानकर वर्ष 1978 में चंबल घड़ियाल अभयारण्य बनाया गया था। तब चंबल में 100 से भी कम घड़ियाल थे,इसकी संख्या अब 2108 हो गई है। जलीय जीवों के सर्वे का काम वर्ष 1983 में तत्कालीन रिसर्च आफिसर डा. एके सिंह की निगरानी में शुरू हुआ।

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