MP election 2023: विधानसभा चुनाव में बागी नेताओं के टिकट पर चलेगी कैंची?

क्या इस विधानसभा चुनाव में बागी नेताओं के टिकट पर चलेगी कैंची? रिपोर्ट कार्ड में इन नेताओं का परफॉर्मेंस बेहद खराब

MP election 2023: क्या इस विधानसभा चुनाव में बागी नेताओं के टिकट पर चलेगी कैंची? रिपोर्ट कार्ड में इन नेताओं का परफॉर्मेंस बेहद खराब

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : November 1, 2022/3:59 pm IST

MP election 2023: भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उन विधायकों की टेंशन बढ़ गई है जिनका पार्टी सर्वे रिपोर्ट में परफॉर्मेंस खराब निकला है। बीजेपी के आंतरिक सर्वे रिपोर्ट में कई विधायकों को डेंजर जोन में बताया गया है। इनमें कुछ वे विधायक भी हैं जो पाला बदलकर भाजपा में शामिल हुए थे। बीजेपी की रणनीति है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में केवल जीताऊ विधायकों को ही टिकट दिया जाएगा। इस कारण कांग्रेस से बीजेपी में आये कुछ विधायकों के भी टिकट कट सकते हैं।

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भंवर में फंसा टटिकटों का मामला

MP election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी अब विधायकों के कामकाज की कैफियत ले रही है, मिशन 2023 को लेकर मैदानी तैयारी में जुटी बीजेपी ने अपने सभी मंत्री-विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस करने को तो कह दिया है। लेकिन उपचुनाव वाली सभी 32 सीटों पर इस बार टिकटों का मामला अनिश्चय के भंवर में है। बताया जाता है कि सत्ता- संगठन ने उन्हें एक बार ही टिकट की गारंटी दी थी लेकिन अब सर्वे रिपोर्ट, जीत की संभावना के साथ और भी कई फैक्टर निर्णायक होंगे।

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कई विधायकों की स्थिति चिंताजनक

MP election 2023: इनमें से 22 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जो सियासी उथल-पुथल के दौरान कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई थीं। आधा दर्जन सीटें विधायकों के निधन से खाली हुई और 4 अन्य भी कांग्रेस की विधायकी छोड़कर बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव जीत गए। बीजेपी के आंतरिक सर्वे और पंचायत चुनाव के दौरान जो फीडबैक मिला है उसमें पार्टी के आधा सैकड़ा से अधिक विधायकों की स्थिति बेहद चिंताजनक है।

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बीजेपी को इस बात का डर

MP election 2023: ख़ास बात यह है इन सीटों में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस से आये मंत्री विधायक और पुराने बीजेपी नेताओ के बीच दावेदारी बनी हुई है। ऐसे में उपचुनाव वाली 32 में से ज्यादातर सीटों पर टिकट को लेकर सबसे ज्यादा जद्दोजहद की स्थिति बनेगी। क्योंकि कई सीटों पर पुराने नेता संकेत दे चुके हैं, निकाय चुनाव में खुलेआम बगावत के दृश्य सामने आ चुके हैं इसलिए बीजेपी भी यह बात जानती है कि कार्यकर्ताओं पर ज्यादा दबाव नहीं डाल सकते। यही वजह है कि राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने सभी 65 हजार बूथों को मजबूत और 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने की मुहिम शुरू की है। हालांकि कांग्रेस से आये विधायको के टिकट पर संकट को लेकर कांग्रेस कटाक्ष कर रही है।

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11 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा

MP election 2023: सत्ता पलट के बाद उपचुनाव में 11 कांग्रेस जीती थी जिसमें ग्वालियर, डबरा, बमोरी, सुरखी, सांची, सांवेर, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर पूर्व, भांडेर, करैरा, पोहरी, अशोकनगर, मुंगावली, अनूपपुर, हाटपिपल्या, बदनावर, सुवासरा, नेपानगर, मांधाता एवं दमोह। इनमें से 22 सीटें सिंधिया के समर्थन में खाली हुई 3 अन्य बाद में रिक्त जौरा, आगर, ब्यावरा, जोबट, रैगांव और पृथ्वीपुर सीटों पर विधायकों के निधन होने से उपचुनाव की नौबत आई। 32 में से 11 सीटों पर कांग्रेस काबिज हुई।

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कमजोर विधायकों की टिकट पर चलेगी कैंची

MP election 2023: बीजेपी का पूरा फोकस 2023 में अधिक से अधिक सीटें जीतकर सत्ता हासिल करने पर है। निकाय पंचायत चुनाव के दौरान भाजपा को कई जिलों से मैदानी स्थिति की रिपोर्ट मिल चुकी है। कांग्रेस की विधायक छोड़कर भाजपा में जो लोग आए उनमें से 3 मंत्री सहित 11 तो उपचुनाव में ही हार गए थे। लेकिन जो भाजपा के टिकट पर चुन लिए गए हैं अगले चुनाव में उनके टिकट को लेकर अनिश्चय बना हुआ है क्योंकि उन सभी सीटों के पुराने नेता भी अब पूरी ताकत से अपनी दावेदारी जताएंगे। सूत्रों का कहना है कि पाला बदलने वालों को सिर्फ उपचुनाव में ही टिकट की गारंटी दी गई थी। ऐसे में पार्टी कमजोर स्थिति वाले विधायकों के टिकट पर कैंची चला सकती है।

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