MP News: किसानों को 10 घंटे से ज्यादा नहीं मिलेगी बिजली, ज्यादा हुई तो कटेगी कर्मचारियों की सैलरी, विभाग ने जारी किया आदेश

किसानों को अब मिलेगी सिर्फ इतने घंटे बिजली, MP News: Employees' salaries will be cut if they provide more electricity to farmers

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  • Publish Date - November 4, 2025 / 04:21 PM IST,
    Updated On - November 4, 2025 / 05:01 PM IST
HIGHLIGHTS
  • 10 घंटे से अधिक बिजली देने पर वेतन कटेगा
  • ऑपरेटर से लेकर जीएम तक अधिकारियों पर लागू होगा आदेश।
  • उमंग सिंघार बोले - किसानों और कर्मचारियों दोनों के साथ अन्याय।

भोपाल। MP News: मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कृषि फीडरों में निर्धारित समय से अधिक बिजली आपूर्ति करने पर सख्त कार्रवाई का आदेश जारी किया है। कंपनी के सीएमडी ए.के. जैन ने इस संबंध में पत्र जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी क्षेत्र में कृषि फीडरों पर 10 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन कटौती की जाएगी।

MP News: जारी आदेश के अनुसार यदि 1 दिन में 10 घंटे से अधिक बिजली दी जाती है तो ऑपरेटर का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा। यदि 2 दिन तक ऐसा होता है तो जूनियर इंजीनियर का 1 दिन का वेतन कटेगा। 5 दिन तक नियमों का उल्लंघन होने पर डीजीएम (DGM) का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा। वहीं 7 दिन तक लगातार 10 घंटे से अधिक आपूर्ति मिलने पर जीएम (GM) का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा। सीएमडी ए.के. जैन ने अपने निर्देशों में राज्य शासन के आदेशों का हवाला देते हुए कहा है कि कृषि फीडरों पर बिजली आपूर्ति का समय 10 घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए। इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी बढ़ाने और जवाबदेही तय करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

प्रदेश में गरमाई सियासत

बिजली विभाग के नए फरमान के बाद अब मध्य प्रदेश में सियासत भी गर्म हो गई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसे लेकर कहा कि क्या बिजली की प्रदेश में कमी हो गई है? यह किसान और कर्मचारियों के साथ अन्याय है। मध्यप्रदेश में बिजली की कमी है। कटौती हो रही है। भोपाल में तक कटौती हो रही है। सरकार को समझना चाहिए कि 10 घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है। यह किसानों के साथ बेइमानी है।

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कृषि फीडरों पर बिजली आपूर्ति की सीमा क्या तय की गई है?

राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार कृषि फीडरों पर प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक बिजली नहीं दी जा सकती।

अगर 10 घंटे से अधिक बिजली दी गई तो कौन जिम्मेदार होगा?

इस स्थिति में ऑपरेटर से लेकर जीएम तक जिम्मेदार माने जाएंगे और उनके वेतन से एक दिन की कटौती की जाएगी, अवधि के अनुसार।

यह आदेश किसने जारी किया है?

यह आदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी ए.के. जैन द्वारा जारी किया गया है।

इस नियम का उद्देश्य क्या है?

इस नियम का उद्देश्य ऊर्जा प्रबंधन को संतुलित रखना, बिजली की बचत करना, और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना है।

विपक्ष का इस पर क्या रुख है?

कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने इस फैसले को “किसानों और कर्मचारियों के साथ अन्याय” बताया है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है।