Navodaya Admission 2026/ Image Credit: IBC24
भोपालः MP News मध्यप्रदेश के विभिन्न स्कूलों में पदस्थ शिक्षक अब बच्चों को शारीरिक दंड नहीं दे सकेंगे। राज्य सरकार ने सरकारी और निजी स्कूलों में अब छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट पर बैन लगा दिया है। अगर शिक्षक ऐसा करते हैं तो शिक्षक और जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चिट्ठी के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों ये निर्देश दिया गया है।
MP News बता दें कि मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्कूलों में बच्चों के साथ क्रुरता की खबरें आ रही थी। कई जगहों पर बच्चों ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया था। इसके बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया और सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चिट्ठी के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए ऐसी हालत में कार्रवाई के लिए कहा है।
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स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 17 (1) में शारीरिक मानसिक प्रताड़ना और भेदभाव पूरी तरह प्रतिबंधित है। साथ ही धारा 17 (2) के तहत ऐसा करना दंडनीय अपराध है। भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत शारीरिक दंड भी प्रतिबंधित है। इसलिए प्रदेश के सभी जिलों में संचालित सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों को शारीरिक दंड देने की घटनाओं की त्वरित पहचान करने और इस तरह की स्थितियों पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।