प्रदेश के नर्सिंग छात्रों को लग सकता है झटका! ज़ीरो ईयर हो सकता है 2023-24 सत्र

Nursing college fraud in Madhya Pradesh: नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की वजह से 2023-24 सत्र के लिए कॉलेजों को मान्यता नहीं दी गई थी। निजी कॉलेजों ने बिना मान्यता सत्र 2023-24 में दाखिले दे दिए थे। HC ने 5 सितंबर को अगली सुनवाई तय की है।

प्रदेश के नर्सिंग छात्रों को लग सकता है झटका! ज़ीरो ईयर हो सकता है 2023-24 सत्र

Nursing college fraud in Madhya Pradesh

Modified Date: August 28, 2024 / 08:28 pm IST
Published Date: August 28, 2024 8:28 pm IST

जबलपुर: Nursing college fraud in Madhya Pradesh मध्यप्रदेश में करीब 2 लाख नर्सिंग छात्रों को तगड़ा झटका लग सकता है। मध्यप्रदेश में Bsc नर्सिंग का सत्र 2023-24 ज़ीरो ईयर हो सकता है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने HC में मौखिक जवाब दिया है। सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू होने से अब 2023-24 की मान्यता नहीं दी जा सकती।

HC ने नर्सिंग काउंसिल से लिखित में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की वजह से 2023-24 सत्र के लिए कॉलेजों को मान्यता नहीं दी गई थी। निजी कॉलेजों ने बिना मान्यता सत्र 2023-24 में दाखिले दे दिए थे। HC ने 5 सितंबर को अगली सुनवाई तय की है।

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Nursing college fraud in Madhya Pradesh मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े ने सीबीआई और नेताओं से लेकर अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। इस नर्सिंग फर्जीवाड़े की मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से तुलना की जा रही है। चौंकाने वाली बात यह कि इस घोटाले की जांच जिन सीबीआई अधिकारियों को दी गई थी वे ही रिश्वत लेकर कॉलेजों को क्लीन चिट देने लगे थे। उससे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने भी उन कॉलेजों को सूटेबल यानी बेहतर संस्थानों में शामिल कर दिया, जिनके संचालक पहले से ही जांच एजेंसी की रिमांड पर हैं।

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गौरतलब है कि नर्सिंग फर्जीवाड़े की शुरुआत करीब 4 साल पहले 2020 यानी कोरोना काल से हुई। 2019 तक प्रदेश में 450 नर्सिंग कॉलेज पंजीकृत थे। साल 2020 में कोरोना काल आ गया, इस काल में दुनिया जहां थी वहीं रुक गई, लेकिन, इस रुकी हुई दुनिया के बीच मध्य प्रदेश में कमाल हो गया। साल 2020 से 2022 तक 200 नए नर्सिंग कॉलेज पंजीकृत हुए। यहीं से इन कॉलेजों को लेकर कुछ लोगों को संदेह होने लगा। इन लोगों ने सभी कॉलजों की अपने स्तर पर जांच की। इस जांच के बाद उन्होंने साक्ष्य जुटाकर अदालत में याचिकाएं दायर कर दीं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com