अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर मुख्यमंत्री यादव ने तीन चीतों को कूनो के जंगलों में छोड़ा

अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर मुख्यमंत्री यादव ने तीन चीतों को कूनो के जंगलों में छोड़ा

अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर मुख्यमंत्री यादव ने तीन चीतों को कूनो के जंगलों में छोड़ा
Modified Date: December 4, 2025 / 09:34 pm IST
Published Date: December 4, 2025 9:34 pm IST

श्योपुर (मध्यप्रदेश), चार दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में मादा चीता वीरा और नौ माह के उसके दो शावकों को जंगल में विचरण के लिए छोड़ा।

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान के पारोंद क्षेत्र में बनाए गए ‘चीता रिलीज प्वाइंट’ से तीन चीतों को खुले जंगल में छोड़ा। इसके साथ ही अब कूनो के खुले जंगलों में चीतों की संख्या 19 हो गई है।

अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश में 32 चीते हैं, जिनमें 29 चीते कूनो राष्ट्रीय उद्यान में हैं। इनमें दक्षिण अफ्रीका से लाए गए आठ चीते और कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पैदा हुए 21 चीते शामिल हैं।

 ⁠

चीता छोड़ने के समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान पर्यटन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है।

उन्होंने कहा, ‘आज एक ऐतिहासिक दिन है और मैं सभी को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस की बधाई देता हूं।’

यादव ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता के कारण भारत में चीतों को पुनर्जीवित करने की परियोजना सफल हुई है।

उन्होंने कहा, ‘हम उन लोगों के आभारी हैं जिन्होंने इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए मध्यप्रदेश को चुना। आज मंदसौर जिले के कुनो में 29 चीते और गांधी सागर में तीन चीते हैं। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता परियोजना ने रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं।’

यादव ने चीता परियोजना की सफलता के लिए वन विभाग के कर्मचारियों को भी धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक स्मारिका दुकान के उद्घाटन के साथ कूनो राष्ट्रीय उद्यान चीता कैलेंडर का भी विमोचन किया।

बाद में ग्वालियर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि चीतों ने अब मध्यप्रदेश के जंगलों को अपना लिया है, जो चीता परियोजना की बड़ी सफलता है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को कूनो में चीते छोड़कर इस परियोजना की शुरूआत की थी।

भाषा सं ब्रजेन्द्र नोमान

नोमान


लेखक के बारे में