मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों का ‘‘पहलवान’’ तय नहीं, वे आपस में लड़ने लगेंगे : महाजन

मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों का ‘‘पहलवान’’ तय नहीं, वे आपस में लड़ने लगेंगे : महाजन

मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों का ‘‘पहलवान’’ तय नहीं, वे आपस में लड़ने लगेंगे : महाजन
Modified Date: July 19, 2023 / 06:46 pm IST
Published Date: July 19, 2023 6:46 pm IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), 19 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विपक्ष के 26 दलों की लामबंदी पर वरिष्ठ भाजपा नेता सुमित्रा महाजन ने बुधवार को कटाक्ष किया।

लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष महाजन ने कहा कि आने वाले दिनों में विपक्षी दल आपस में लड़ने लगेंगे क्योंकि मोदी के खिलाफ उनका ‘‘पहलवान’ (प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष का चुनावी चेहरा) तय नहीं है।

महाजन ने अपने गृहनगर इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘देखो, ऐसा होता है कि जब सबसे बड़ा पहलवान अकेला दिखता है, तो उसके सब विरोधियों को लगता है कि वे उसे मिलकर मारें। मगर मारने वाले लोगों के हाथों में ताकत तो होनी चाहिए।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी बात यह है कि कल वे (विपक्षी दल) एक-दूसरे से लड़ने लगेंगे क्योंकि तय ही नहीं है कि उनका पहलवान कौन है।’’

महाजन ने यह तंज विपक्ष के 26 दलों द्वारा अगले लोकसभा चुनावों के लिए ‘‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’’ के नाम से नये गठबंधन की घोषणा के अगले दिन कसा। विपक्षी दलों का दावा है कि यह गठबंधन 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पराजित करेगा।

महाजन ने यह भी कहा कि प्रजातंत्र में विपक्ष भी ताकतवर होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आज विपक्षी दल केवल मोदी को हराने के लिए एकत्रित हो रहे हैं। मगर मैं भगवान से प्रार्थना करूंगी कि वे देश को बुलंदी पर पहुंचाने के लिए भी ऐसे ही एकत्रित रहें। यदि ऐसा होगा, तब हम मानेंगे कि विपक्ष अपने कर्तव्य का पालन कर रहा है।’’

चुनावों में नेताओं की संतानों को टिकट दिए जाने या न दिए जाने की बहस को लेकर 80 वर्षीय भाजपा नेता ने कहा कि वह अपनी इस राय पर हमेशा कायम रही हैं कि ‘काबिल और चुनाव जीत सकने वाले’ लोगों को उम्मीदवारी का मौका दिया ही जाना चाहिए।

महाजन ने कहा, ‘‘किसी व्यक्ति को केवल इस आधार पर चुनावी टिकट देने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए कि वह किसी नेता का पुत्र है। इसी तरह, बिना सियासी वजूद वाले किसी व्यक्ति को केवल इस आधार पर टिकट नहीं दिया जाना चाहिए कि वह किसी नेता का बेटा है।’’

भाषा हर्ष अर्पणा

अर्पणा


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