Vande Bharat: शहीदों के मजहब पर जुबानी जंग! आरिफ मसूद का ‘ज्ञान’, मचा घमासान!

MP News: शहीदों के मजहब पर जुबानी जंग! आरिफ मसूद का 'ज्ञान', मचा घमासान! देखें वीडियो

MP News | Photo Credit: IBC24

भोपाल: MP News इधर मध्यप्रदेश की स्वतंत्रता दिवस से पहले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के एक बयान पर सियासी घमासान छिड़ गई है। दरअसल आरिफ मसूद ने ऐलान किया है कि वे मुस्लिम धर्मगुरुओं के आजादी के समय दी गई कुर्बानियों को लोगों तक पहुंचाएंगे। जिसपर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हमने शहीदों को न हिंदू न मुसलमान न सिख न ईसाई में बांटा जो शहीद हुआ है भारत माता के लिए हुआ है।

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MP News ये है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी जो भोपाल के आखिरी नवाब रहे हमीदुल्लाह खान को गद्दार बता रहे हैं। दरअसल बीते दिनों हमीदुल्लाह खान जिनके नाम पर शहर का हमीदिया स्कूल, कॉलेज और अस्पताल है। उन नामों को बदलने के लिए किशन सूर्यवंशी ने नगर निगम परिषद की बैठक में प्रस्ताव पास किया था। इस दौरान तब अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने उन्हें गद्दार कहा। अब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 3 दिन “जश्न-ए-तहरीके आजादी याद करो उलेमाओं की कुर्बानियां” कार्यक्रम के जरिए लाखों मुस्लिम धर्मगुरुओं, उलेमा-ए-इकराम और लीडर्स का देश की आज़ादी की लड़ाई में योगदान बताने के लिए मुहिम शुरू की है

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद “जश्न-ए-तहरीके आजादी याद करो उलेमाओं की कुर्बानियां” कार्यक्रम भोपाल के कई मुस्लिम इलाकों,जहांगीराबाद,काजी कैंप, शहीदिया,चिकलोद और गिन्नौरी में कर रहे हैं। इनमें स्कूलों और मदरसों के बच्चे हिस्सा ले रहे है। लेकिन भाजपा को मुस्लिमों का ये कार्यक्रम रास नहीं आ रहा है,भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस पर तंज कसा है.. और सभी शहीदों को याद करने की नसीहत दी है।

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नवाब हमीदुल्लाह भोपाल के आखिरी नवाब कहे जाते हैं,इतिहासकार मानते हैं कि नवाब के जिन्ना और नेहरू दोनों से संबंध थे, लेकिन सरदार पटेल के दबाव में उन्होंने अंततः भारत में विलय के दस्तावेजों पर दस्तखत किए, नवाब हमीदुल्लाह ने आजादी के बाद भी दो साल तक भोपाल रियासत को भारत में विलय नहीं होने दिया। ऐसे में हमीदिया अस्पताल स्कूल और कॉलेज का नाम भी जल्द बदल सकता है। जिस पर फिर से सियासी जंग होना तय है।

"जश्न-ए-तहरीके आजादी" कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है?

यह कार्यक्रम मुस्लिम धर्मगुरुओं और उलेमा के आजादी के आंदोलन में योगदान को लोगों तक पहुँचाने के लिए आयोजित किया जा रहा है।

भाजपा का इस कार्यक्रम पर क्या रुख है?

भाजपा नेताओं का कहना है कि शहीदों को धर्म के आधार पर नहीं बांटना चाहिए और सभी के बलिदान को समान रूप से याद किया जाना चाहिए।

नवाब हमीदुल्लाह खान पर विवाद क्यों है?

नवाब हमीदुल्लाह खान ने आजादी के बाद लगभग दो साल तक भोपाल रियासत का भारत में विलय टाल दिया था, जिसे लेकर उन्हें कुछ नेता "गद्दार" कहते हैं।