Indore News: रेल मंत्रालय ने इन शहरों के बीच दोहरीकरण की फाइनल लोकेशन को दी मंजूरी, दक्षिण में बढ़ेगा इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट, राशि हुई स्वीकृत
Dewas-Maksi Doubling: रेल मंत्रालय ने महू-खंडवा के बीच 112 किमी और देवास-मक्सी के बीच 36 किमी दोहरीकरण की फाइनल लोकेशन को मंजूरी दे दी है।
New Train in MP | Source : File Photo
- रेल मंत्रालय ने महू-खंडवा के बीच 112 किमी और देवास-मक्सी के बीच 36 किमी दोहरीकरण की फाइनल लोकेशन को मंजूरी दे दी है।
- साथ ही इसके लिए 2.24 करोड़ रुपए और 72 लाख रुपए की राशि भी स्वीकृत कर दी है।
इंदौर।Indore News: रेल मंत्रालय ने महू-खंडवा के बीच 112 किमी और देवास-मक्सी के बीच 36 किमी दोहरीकरण की फाइनल लोकेशन को मंजूरी दे दी है। साथ ही इसके लिए 2.24 करोड़ रुपए और 72 लाख रुपए की राशि भी स्वीकृत कर दी है। इन दोनों रेल लाइन के दोहरीकरण से मुंबई आना-जाना आसान होगा। उत्तर व दक्षिण की कनेक्टिविटी सुधरेगी। साथ ही दक्षिण में इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट बढ़ेगा। ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ेगी। जलगांव, मुंबई की दूरी भी कम होगी।
दरअसल, इंदौर से महू के बीच तो दोहरीकरण हो चुका है। अब महू-खंडवा के बीच दोहरीकरण से और फायदा होगा। सांसद शंकर लालवानी के अनुसार उत्तर-दक्षिण के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण लाइन है, जब भी यह लाइन शुरू होगी, तब इसका फायदा होगा। अभी से दोहरीकरण की प्लानिंग से भविष्य में फायदा होगा। सबसे खास बात यह है कि रेलवे अभी महू के आगे वन विभाग की जमीन लाइन के लिए लेने की प्रक्रिया कर रहा है। ऐसे में दोहरीकरण के लिए भी अभी से जमीन लेने की तैयारी शुरू हो जाएगी।
सांसद ने कहा खंडवा लाइन शुरू होने के बाद इंदौर पर काफी दबाव होगा। इसको लेकर रेलवे ने अभी से दोहरीकरण के लिए प्रयास शुरू किए, यह काफी अच्छी बात है। अब दोहरीकरण के लिए सिर्फ रतलाम-लक्ष्मीबाईनगर और उज्जैन-फतेहाबाद रह गए हैं, इसको लेकर भी रेलवे को पहल करना चाहिए। आने वाले समय में इंदौर से बुधनी, इंदौर से मनमाड़, महू-खंडवा लाइन शुरू होता है। ऐसे में उत्तर से दक्षिण की ओर आने वाली ट्रेनों का दबाव बढ़ेगा। न सिर्फ गुड्स ट्रेन बल्कि यात्री ट्रेनें भी चलेंगी। ऐसे में उस दबाव को कम करने में दोहरीकरण काफी फायदेमंद साबित होगा। सिंगल लाइन होती तो प्रेशर काफी ज्यादा होता। अब दोहरीकरण से आसानी से ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। महू के आगे वन विभाग की जमीन है, रेलवे इसके लिए जमीन लेगा, ऐसे में अभी से दोहरीकरण के लिए भी जमीन ले ली जाएगी तो भविष्य में काफी आसानी हो जाएगी।

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