सीहोर: Sehore Holi 2025: भारत में होली का पर्व आमतौर पर एक दिन धुलेंडी के रूप में मनाया जाता है, लेकिन मध्य प्रदेश के सीहोर में यह पर्व दूसरे दिन भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस विशेष आयोजन को महादेव की होली नाम दिया गया है, जिसे कुबेरेश्वरधाम के अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने महादेव के प्रति श्रद्धा और प्रेम के प्रतीक के रूप में आयोजित किया है। यह आयोजन सीहोर के छावनी स्थित चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर से शुरू हुआ और इसके बाद शहर के प्रमुख शिव मंदिरों में जाकर भगवान शिव पर केसर का रंग अर्पित किया गया।
Sehore Holi 2025: महादेव के भक्तों और श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। इस अवसर पर दिल्ली, छत्तीसगढ़, और जबलपुर से अघोरी समुदाय की टीम भी शामिल होती है, जो आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। ढोल-नगाड़े और डीजे की धुनों पर होली का उल्लास पूरी तरह से महसूस किया जा सकता है। आकर्षक झांकियां भी निकाली जा रही हैं, जिनमें झाबुआ से आए कलाकार अपनी शानदार प्रस्तुति दे रहे हैं। यह आयोजन साल दर साल और भी आकर्षक और यादगार बनता जा रहा है।
Sehore Holi 2025: इस होली में भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ रंगों के खेल का भी आयोजन होता है, जिससे यह पर्व और भी विशेष बन जाता है। महादेव के भक्तों का मानना है कि इस दिन रंगों के साथ भगवान शिव की पूजा करने से आत्मिक शांति और मन की शुद्धि मिलती है।
Sehore Holi 2025: साल दर साल बढ़ता जा रहा है आयोजन का आकर्षण: यह आयोजन हर साल बड़े धूमधाम से आयोजित किया जाता है और श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। महादेव की होली सीहोर के लोगों के लिए केवल एक रंगों का पर्व नहीं, बल्कि एक श्रद्धा और आस्था का पर्व बन चुका है।
महादेव की होली, सीहोर में दूसरे दिन मनाई जाती है, और इसे पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा महादेव के प्रति श्रद्धा और प्रेम के प्रतीक के रूप में आयोजित किया जाता है। इस दिन रंगों के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है।
महादेव की होली में कौन-कौन से कार्यक्रम होते हैं?
महादेव की होली में ढोल-नगाड़े, डीजे की धुनों पर होली का उल्लास, आकर्षक झांकियां, और अघोरी समुदाय की विशेष प्रस्तुति होती है। इसके अलावा, भगवान शिव पर केसर का रंग अर्पित किया जाता है।
इस आयोजन में कौन-कौन से शहरों से लोग शामिल होते हैं?
महादेव की होली में दिल्ली, छत्तीसगढ़, जबलपुर सहित विभिन्न शहरों से भक्त और श्रद्धालु शामिल होते हैं। साथ ही, झाबुआ से आए कलाकार अपनी प्रस्तुति भी देते हैं।
महादेव की होली में सबसे आकर्षक क्या होता है?
इस आयोजन का सबसे आकर्षक हिस्सा है अघोरियों की टीम, जो विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र बनती है। इसके अलावा, ढोल-नगाड़े और डीजे की धुन पर होली का उल्लास भी अद्भुत होता है।
महादेव की होली साल दर साल कैसे बदल रही है?
महादेव की होली का आयोजन साल दर साल और भी बड़े धूमधाम से हो रहा है, और इसमें श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस आयोजन का आकर्षण लगातार बढ़ता जा रहा है।