Sehore News: देख रहा है न बिनोद… अब गांव में ही बनेगा पासपोर्ट, पंचायत के फुलेरा में पहुंची मोबाइल वैन, अब शहर नहीं जाना पड़ेगा

Sehore News: देख रहा है न बिनोद... अब गांव में ही बनेगा पासपोर्ट, पंचायत के फुलेरा में पहुंची मोबाइल वैन, अब शहर नहीं जाना पड़ेगा

Sehore News: देख रहा है न बिनोद… अब गांव में ही बनेगा पासपोर्ट, पंचायत के फुलेरा में पहुंची मोबाइल वैन, अब शहर नहीं जाना पड़ेगा

Sehore News/Image Source: IBC24


Reported By: Kavi Chhokar,
Modified Date: October 8, 2025 / 01:25 pm IST
Published Date: October 8, 2025 1:25 pm IST
HIGHLIGHTS
  • फुलेरा बना पासपोर्ट क्रांति का चेहरा,
  • सीहोर के गांव में पहुंची पासपोर्ट वैन,
  • पंचायत के फुलेरा ने फिर जीता देश का दिल,

सीहोर : Sehore News:  देख रहा है न बिनोद अब गांव में भी बनेगा पासपोर्ट। वेब सीरीज़ पंचायत के फुलेरा गांव यानी सीहोर के महोड़िया गांव ने सरकार की एक अनोखी पहल का चेहरा बनकर पूरे देश का दिल जीत लिया है। फुलेरा गांव अब सिर्फ किस्सों और किरदारों से नहीं बल्कि एक नई सरकारी पहल से भी सुर्खियों में है।

विदेश मंत्रालय की मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के महोड़िया गांव यानी असली फुलेरा में पहुंच चुकी है। गांव की गलियों में जब यह वैन आई, तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फुलेरा के सचिव जी विकास और प्रह्लाद जैसे किरदारों की यादें ताजा हो गईं। सोशल मीडिया पर भी इस पहल ने तहलका मचा दिया। पासपोर्ट विभाग ने अपने X अकाउंट से पंचायत के मशहूर डायलॉग को ट्विस्ट के साथ लिखा देख रहा है न बिनोद पासपोर्ट मोबाइल वैन अब गांव वालों के लिए आ चुकी है। हां भैया अब गांव वालों का पासपोर्ट यहीं से बन जाएगा।

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Sehore News:  इस वैन का उद्देश्य है पासपोर्ट सेवाओं को सीधे ग्रामीणों तक पहुंचाना। अब शहर जाने की जरूरत नहीं पासपोर्ट बनेगा गांव में ही। भोपाल से इस वैन को हरी झंडी दिखाई गई। जैसे ही यह वैन महोड़िया पहुंची सोशल मीडिया पर फुलेरा फिर से ट्रेंड में छा गया।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।