Pendra News: 4 साल तक हाथ के बल उल्टे चलकर 3500 KM की नर्मदा परिक्रमा, बाबा की तपस्या देख हर कोई रह गया दंग, धर्मराज पुरी महाराज की अकल्पनीय यात्रा

Pendra News: 4 साल तक हाथ के बल उल्टे चलकर 3500 KM की नर्मदा परिक्रमा, बाबा की तपस्या देख हर कोई रह गया दंग, धर्मराज पुरी महाराज की अकल्पनीय यात्रा

  • Reported By: Sharad Agrawal

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  • Publish Date - October 7, 2025 / 08:54 PM IST,
    Updated On - October 7, 2025 / 08:56 PM IST

Pendra News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • उल्टे होकर कर रहे हैं 3500 KM की नर्मदा परिक्रमा,
  • बाबा धर्मराज पुरी की अकल्पनीय तपस्या,
  • हाथ के बल चलकर 4 साल में पूरी करेंगे नर्मदा परिक्रमा,

पेंड्रा: Pendra News:  तपस्या और त्याग की एक अनोखी तस्वीर इन दिनों देखने को मिल रही है। एक ऐसे बाबा जो उल्टे होकर हाथ के बल चलकर नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी अखाड़ा के धर्मराज पुरी महाराज ने यह कठिन संकल्प लिया है। यह परिक्रमा कोई सामान्य यात्रा नहीं बल्कि लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी है जिसे वह इसी अधोमुखी (उल्टे होकर हाथ के बल) मुद्रा में चलते हुए लगभग चार वर्षों में पूरा करेंगे।

Pendra News:  धर्मराज पुरी महाराज इन दिनों छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले के कबीर चबूतरा क्षेत्र से गुजर रहे हैं। जानकारी के अनुसार बाबा दिन में लगभग दो से तीन किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। यह परिक्रमा दशहरे के दिन अमरकंटक स्थित नर्मदा के उद्गम स्थल से प्रारंभ हुई थी। सात दिनों में वे अब तक लगभग बीस किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके हैं।

Pendra News:  यहां से होते हुए वे महाराष्ट्र के रास्ते गुजरात पहुंचेंगे, जहां समुद्र तट को पार करने के बाद नर्मदा के उत्तरी तट से होकर वापस अमरकंटक लौटेंगे और अपनी परिक्रमा पूर्ण करेंगे। यह तपस्या न केवल चुनौतीपूर्ण है बल्कि अद्भुत आस्था और समर्पण का एक जीवंत प्रमाण भी है।

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"धर्मराज पुरी महाराज" कौन हैं और वे ऐसा क्यों कर रहे हैं?

धर्मराज पुरी महाराज निरंजनी अखाड़ा से जुड़े एक संत हैं, जो "नर्मदा परिक्रमा" को तपस्या और त्याग की साधना मानते हुए अधोमुखी मुद्रा में यात्रा कर रहे हैं।

"हाथ के बल नर्मदा परिक्रमा" कितनी दूरी की है और इसे पूरा करने में कितना समय लगेगा?

यह परिक्रमा लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी है और इसे महाराज लगभग चार वर्षों में पूरा करने का संकल्प लेकर निकले हैं।

क्या "धर्मराज पुरी महाराज" हर दिन यात्रा करते हैं?

हाँ, वे हर दिन औसतन 2 से 3 किलोमीटर की दूरी हाथ के बल तय करते हैं।

"नर्मदा परिक्रमा" की शुरुआत और अंत कहाँ होता है?

यह परिक्रमा अमरकंटक से शुरू होती है (जहां नर्मदा का उद्गम है) और दक्षिण तट से घूमकर उत्तर तट से होकर वहीं वापस समाप्त होती है।

क्या "अधोमुखी परिक्रमा" कोई परंपरा है या विशेष तपस्या?

यह कोई सामान्य परंपरा नहीं, बल्कि एक विशेष तपस्या का रूप है जो विरले ही संत करते हैं। यह आत्मनियंत्रण, श्रद्धा और साधना की चरम सीमा को दर्शाता है।