अलगाववादी विचारधारा वाले ‘मौलवी’ प्रगति में बाधा डाल रहे: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

अलगाववादी विचारधारा वाले ‘मौलवी’ प्रगति में बाधा डाल रहे: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

अलगाववादी विचारधारा वाले ‘मौलवी’ प्रगति में बाधा डाल रहे: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
Modified Date: November 30, 2025 / 08:38 pm IST
Published Date: November 30, 2025 8:38 pm IST

जबलपुर, 30 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) ने अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा भारत में असुरक्षित महसूस किये जाने के जमीयत उलमा-ए-हिंद (जेयूएच) के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के दावे को रविवार को खारिज कर दिया।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक एसके मुद्दीन ने एक बयान में कहा कि देश में मुसलमानों को पूर्ण संवैधानिक अधिकार और सुरक्षा प्राप्त है।

मदनी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि बुलडोजर कार्रवाई, पीट-पीटकर हत्या, मुस्लिम वक्फ को कमजोर करने और इस्लामी सुधारों जैसी कार्रवाइयों के माध्यम से देश में एक समूह का वर्चस्व स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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उन्होंने यह भी दावा किया कि बाबरी मस्जिद के फैसले और कई अन्य फैसलों के बाद यह धारणा बढ़ी है कि अदालतें सरकारी दबाव में काम कर रही हैं।

मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मुद्दीन ने इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में मुसलमान ‘सबसे सुरक्षित’ हैं। उन्होंने दावा किया कि अब शायद ही कभी निषेधाज्ञा लागू की जाती है जबकि 2014 से पहले समाचार पत्रों में दंगों की दैनिक खबरें प्रकाशित होती थीं।

मुद्दीन ने कहा कि मदनी यह स्वीकार करने में विफल रहे हैं कि मुस्लिम बेटे और बेटियां सशस्त्र बलों, सुरक्षा एजेंसियों और अन्य प्रमुख संस्थानों में देश की सेवा कर रहे हैं।

मदनी ने यह भी कहा था, “अफसोस के साथ यह कहना होगा कि एक विशेष समूह की वर्चस्व स्थापित करने और अन्य समूहों को कानूनी रूप से असहाय, सामाजिक रूप से अलग-थलग और आर्थिक रूप से अपमानित, बदनाम और वंचित बनाने के लिए संगठित प्रयास किए जा रहे हैं।”

मुद्दीन ने कहा कि मदनी जैसे नेताओं द्वारा दिए गए बयानों ने मुसलमानों को आजादी के बाद से प्रगति की दौड़ में पीछे धकेल दिया है।

उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम’ राष्ट्रीय गीत है और इसे पढ़ना इस्लाम के खिलाफ नहीं है, क्योंकि यह मातृभूमि को सलाम करता है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख ने कहा कि अपनी मिट्टी की प्रशंसा करना एक मुस्लिम धर्म का हिस्सा है।

मुद्दीन ने आरोप लगाया कि आम मुसलमान दो वक्त की रोटी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने परिवारों का पालन-पोषण शांति से कर रहे हैं।

उन्होंने बुद्धिजीवी मुसलमानों से ऐसे ‘अलगाववादी विचारधारा वाले मौलवियों’ से सतर्क रहने और उनका खुलकर विरोध करने की अपील की।

इस बीच, भोपाल में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) सहित दक्षिणपंथी संगठनों ने मदनी पर देश और उच्चतम न्यायालय के खिलाफ बोलने का आरोप लगाते हुए रोशनपुरा चौराहा पर विरोध प्रदर्शन किया और उनका पुतला फूंका।

भाषा सं ब्रजेन्द्र जितेंद्र

जितेंद्र


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