Kuno National Park Cheetah: ज्वाला की बची अकेली संतान मुखी आज बनी ‘सुपर मॉम’, खबर सुनकर विशेषज्ञ भी रह गए हैरान, कहा…
भारत में जन्मी पहली मादा चीता मुखी ने पाँच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है।
Kuno National Park Cheetah/ image source: IBC24
- कूनो नेशनल पार्क में बढ़ा चीतों का कुनबा
- चीता मुखी ने 5 शावकों को दिया जन्म
- कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या हुई 30
Kuno National Park Cheetah: श्योपुर: मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से गुरुवार सुबह एक उत्साहजनक खबर आई है। भारत में जन्मी पहली मादा चीता मुखी ने पाँच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है।
A historic milestone has been achieved as Indian-born cheetah Mukhi has given birth to five cubs in Kuno National Park, Madhya Pradesh. The mother and cubs are doing well.
This is an unprecedented breakthrough for India’s cheetah reintroduction initiative. Mukhi, the first… pic.twitter.com/uSxZpVqnV4
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 20, 2025
Kuno National Park Cheetah: 33 महीने की उम्र में शावकों को जन्म दिया
यह घटना न केवल एमपी के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए वाइल्डलाइफ़ कन्ज़र्वेशन का एक बड़ा मील का पत्थर मानी जा रही है। मुखी ने 33 महीने की उम्र में शावकों को जन्म दिया है, यानी वह भारत में जन्मी और यहीं पली-बढ़ी पहली ऐसी मादा चीता बन गई है, जिसने अब भारतीय धरती पर नए चीता शावकों को जन्म दिया है। गौरतलब है कि मुखी वही शावक है, जो मादा चीता ज्वाला के पहले लिटर से जीवित बची थी।
Kuno National Park Cheetah News: चीता शावकों में से सिर्फ मुखी ही जिंदा बची
Kuno National Park Cheetah: ज्वाला ने कुछ वर्ष पहले चार चीता शावकों को जन्म दिया था, लेकिन भीषण गर्मी के कारण तीन शावकों की मृत्यु हो गई थी। मुखी अकेली थी जो जीवित रही और अब उसने इस मिट्टी पर पाँच नए चीता जीवन जोड़कर भारत को एक ऐतिहासिक उपलब्धि दी है।
सीएम मोहन यादव ने किया पोस्ट
Kuno National Park Cheetah: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस खुशखबरी की पुष्टि करते हुए एक्स पर पोस्ट साझा की। सीएम मोहन यादव ने लिखा—“भारत में जन्मी चीता मुखी ने कूनो में पाँच बच्चों को जन्म देकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह हमारे चीता रीइंट्रोडक्शन इनिशिएटिव के लिए एक बड़ी सफलता है। मां और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं।” उन्होंने आगे लिखा कि इस सफल प्रजनन से यह साबित होता है कि भारत का पर्यावरण, वन संरचना और यहाँ का प्राकृतिक आवास चीतों के दीर्घकालिक जीवन और अनुकूलन के लिए उपयुक्त है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह भारत में चीतों की “सेल्फ-सस्टेनिंग” यानी आत्मनिर्भर आबादी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे जेनेटिक विविधता भी बढ़ेगी और कंज़र्वेशन के लक्ष्य व्यापक रूप से पूरे होंगे।
baki dono Andar me lgana: चीतों की कुल संख्या 29 से बढ़कर 34 हो गई
चीता शावकों के जन्म से मध्यप्रदेश में चीतों की कुल संख्या 29 से बढ़कर 34 हो गई है। इससे पहले कूनो में 10 वयस्क और 19 शावक थे। अब मुखी के पाँच नए शावक जुड़कर कुल शावकों की संख्या 24 हो गई है।

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